राजधानी दिल्ली का प्रदूषण स्तर बुधवार सुबह और खराब हो गया, जिससे हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ होने के करीब पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बुधवार को सुबह 10 बजे 268 दर्ज किया गया, जोकि मंगलवार को 223 था।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता मॉनीटर सफर ने कहा कि दिल्ली के PM2.5 प्रदूषण में पराली जलने की हिस्सेदारी बुधवार को 15 प्रतिशत रही। यह अनुमान लगाया गया है कि 23 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता मामूली रूप से बहुत खराब श्रेणी में रहेगी और उच्चतम स्तर तक पहुंच सकती है।
उन्होंने कहा कि सफर ने मंगलवार को हरियाणा, पंजाब और पड़ोसी क्षेत्रों के आसपास पराली जलाने के 849 आंकड़ों को समन्वित किया है। वहीं, सफर के मुताबिक, PM2.5 में पराली जलने की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है।
दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार को 223 दर्ज किया गया था, जो कि सोमवार को 244 और रविवार को 254 था। हरियाणा, पंजाब और आस-पास के क्षेत्र की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सोमवार को पराली जलाने की 1017 घटनाएं थीं।
उल्लेखनीय है कि शून्य और 50 के बीच एक AQI को ‘अच्छा’, 51 और 100 ‘संतोषजनक’, 101 और 200 ‘मध्यम’, 201 और 300 ‘खराब’, 301 और 400 ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 ‘गंभीर’ माना जाता है।
दिल्ली सरकार वाहनों के प्रदूषण को रोकने के लिए अपने प्रदूषण विरोधी अभियान, ‘रेड लाइट ऑन, गॉडी ऑफ’ के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए शहर भर में 2,500 पर्यावरण मार्शल तैनात करेगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए राजधानी में आईटीओ क्षेत्र का दौरा करेंगे।