नेपाल ने पिछले 6 माह से कम समय में भारत से लगी अपनी सीमा पर 85 और चीन सीमा पर महज 5 बीओपी ( बॉर्डर आउट पोस्ट) खोली हैं। उसने अभी भारत से सटी सीमा पर 485और चीन सीमा पर 15 नई बीओपी खोलने का फैसला किया है। नेपाल भारत के कालापानी, नाभी, गुंजी, कुटी व लिम्पयाधुरा लिपूलेख को 21 मई को अपने राजनीतिक नक्शे में शामिल करने के बाद अब सीमा विवाद को लेकर भारत पर दबाव बनाने की रणनीति पर आगे बढ़ रहा है। उसने इसी के तहत अपने पड़ोसी देश चीन और भारत से लगी सीमा पर बीओपी बनाने में दोहरी नीति अपनाई है। नेपाल की भारत से चीन की तुलना में लगभग 476 किमी सीमा अधिक लगी है। चीन के साथ नेपाल के 15 जिलों की 1 हजार 404 किमी सीमा लगी है। भारत के साथ 27 जिलों में करीब 1 हजार 880 किमी सीमा लगी हुई है।
सीमा सुरक्षा की दृष्टि से नेपाल चीन की तुलना में भारत पर अधिक ध्यान फोकस कर रहा है। उसकी अब चीन सीमा में जहां महज 15 बीओपी खोलने की योजना है वहीं वह भारत से सटी सीमा पर 485नई बीओपी खोलने जा रहा है। सूत्रों ने बताया नेपाल सरकार ने यह फैसला अभी हाल ही में एक सीमा सुरक्षा को लेकर एक बैठक में लिया है।
नेपाल ने भारतीय सीमा के नजदीक रसुवागड़ी में बॉर्डर आउट पोस्ट खोली है। जानकारी के मुताबिक इस बीओपी में नेपाल ने 50 से अधिक प्रहरी व सैनिकों को तैनात किया है। नेपाल भारतीय सीमाओं के नजदीक बीओपी खोलने में जुटा है। नेपाली मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार नेपाल ने फिर से रसुवागड़ी में नई बीओपी स्थापित की है। सशस्त्र प्रहरी बल के डीआईजी मनदीप श्रेष्ठ ने बीओपी का आरंभ किया।
नेपाल ने एक महीने के लिए भारतीय सीमा और बंद की
वहीं, कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए भारत-नेपाल सीमा बंद होने के लगभग आठ महीने होने को है। इस बीच नेपाल सरकार ने सोमवार को फिर भारत- नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा आगामी एक महीने तक और बंद रखने का निर्णय लिया है। एक महीने तक और सीमा सील रहने से नेपाली कामगारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भारत आकर कमाने वाले नेपाली कामगारों के घरों में चूल्हा नहीं जल रहा है। रोजगार बंद होने से खाने-पीने का संकट उत्पन्न हो गया है।
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण नेपाल सरकार ने इंडो- नेपाल बॉर्डर को आगामी एक महीने तक सील रखने का निर्णय लिया है। वहीं नेपाल सरकार भारत जाने के लिए आतुर नेपाली कामगारों को रोक पाने में अक्षम है। एक नेपाली दैनिक में छपी खबर के अनुसार कोरोना वायरस के जोखिम को लेकर भारत- नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा एक महीने नहीं खोलने का निर्णय लिया है।
काठमांडु में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सर्वसम्मति यह निर्णय लिया गया है। जो नेपाली कामगार भारत से 24 मार्च को नेपाल लौट आए थे। वे दशहरा पर्व को छोड़कर भारत लौटने लगे हैं। नेपाली थाना जमुनहा पर भारत जाने वालों की भीड़ में मौजूद सुर्खेत निवासी चन्द्रपुरी ने कहा कि घर में चूल्हा नहीं जल रहा है। रुपए न होने के कारण पर्व कैसे मनाएंगे। जो भारत से कमा कर लाए थे वह सब खत्म हो गया। भारत जाने वाले नेपाली कामगारों को नेपाल सरकार नहीं रोक पा रही है। विभिन्न कार्यों के बहाने भारत- नेपाल आने- जाने वाले लोग आ जा रहे हैं।