कभी चुनाव जीतने के लिए बाहुबल जरूरी होता था। इसे जीत की गारंटी के तौर पर देखा जाता था, पर निर्वाचन आयोग की सख्ती हुई तो बाहुबल की हवा निकल गई। अब आयोग की नजर धनबल वाले उम्मीदवारों पर है। नोट के बल पर कोई चुनाव को प्रभावित न कर सके, इसके लिए विभिन्न स्तरों पर निगरानी की ऐसी व्यवस्था की गई है, जिसे भेद पाना धनबलियों के लिए आसान नहीं होगा। पुलिस मुख्यालय द्वारा इस संबंध में सभी जिलों के डीएम-एसपी के साथ रेंज आईजी-डीआईजी को कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
वीडियो सर्विलांस रखने की है तैयारी
अमूमन चुनाव के नजदीक आने पर मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धनबली अपना खेल शुरू कर देते हैं। यही वजह है कि इस दफे ऐसे मामलों में निगरानी की विशेष व्यवस्था की गई है। जिस किसी उम्मीदवार द्वारा चुनाव में ज्यादा खर्च करने की सूचना मिलेगी, उनपर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। मतदान के आखिरी तीन दिनों में ऐसे उम्मीदवारों को वीडियो सर्विलांस में रखा जाएगा। यानी उनके साथ प्रशासन की टीम वीडियोग्राफर के साथ मौजूद होगी और उनकी हर एक गतिविधि पर कैमरे की भी नजर रहेगी।
अर्द्धसैनिक बल भी रहेंगे टीम में शामिल
धनबल वाले उम्मीदवारों पर चुनाव के आखिरी दिनों में जो टीम नजर रखेगी उसमें अधिकारियों के साथ पुलिस और अर्द्धसैनिक बल भी रहेंगे। ऐसी टीम में अर्द्धसैनिक बल को शामिल करने की रणनीति बनाई गई है।
संवेदनशील विधानसभा सीट चिह्नित
धनबल के लिहाज से राज्य के 243 विधानसभा सीटों में 91 संवेदनशील घोषित किए गए हैं। पूर्व के चुनाव में रुपयों की बरामदगी, अधिक पैसे खर्च करने और अन्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर संवेदनशील विधानसभा सीटों को चिन्हित किया गया है। इन संवेदनशील विधानसभा क्षेत्रों में खर्च पर नजर रखने के लिए अलग से कई व्यवस्था की गई है, जिसमें चुनाव के आखिरी क्षणों में 24 घंटे निगरानी की व्यवस्था भी शामिल है।
फ्लाइंग स्क्वॉयड व स्टैटिक सर्विलांस टीम बनी
धनबल, शराब और दूसरे माध्यमों से चुनाव प्रभावित न हो इसके लिए सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में फ्लाइंग स्क्वॉयड और स्टैटिक सर्विलांस टीम बनाई गई है। फ्लाइंग स्क्वॉयड की हर टीम में वरीय कार्यपालक दंडाधिकारी और वरीय पुलिस अधिकारी के साथ वीडियोग्राफर और सशस्त्र बल की प्रतिनियुक्ति की गई है। फ्लाइंग स्क्वॉयड विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवारों और उनके करीबियों की गतिविधियों पर नजर रखेगा। वहीं मजिस्ट्रेट व पुलिस बल के साथ स्टैटिक सर्विलांस टीम भी मुस्तैद है।
खर्च पर रखी जा रही पैनी नजर
उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर नजर रखने के लिए इस दफे कई स्तर पर कार्रवाई की गई है। विधानसभावार असिस्टेंट एक्सपैंडिचर ऑब्जर्वर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा अलग-अलग जिम्मेदारियों के साथ कई टीमों का गठन किया गया है। 
 
	    	 
                                
 
                                 
                                






