सर्दियां जल्द ही शुरू होने वाली हैं और इस दौरान फ्लू जैसी बीमारियां कई लोगों को घेर लेती हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि फ्लू जैसी बीमारियों के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे में इजाफा हो जाता है। अमेरिका में संपन्न एक नई शोध में बताया गया कि फ्लू जैसी बीमारियों के बाद हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे में बढ़ोत्तरी हो जाती है।
यह शोध आठ अक्तूबर को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित हुआ। इसमें सर्दियों के दिनों में होने वाले फ्लू, हार्ट अटैक और स्ट्रोक के बीच संबंध की जांच की गई। शोधकर्ता टीम ने ‘न्यूयॉर्क स्टेट पब्लिक हेल्थ’ के साल 2004 से 2015 के बीच डाटा का जायजा लिया। शोधकर्ताओं ने उन वयस्कों के डाटा पर ध्यान केंद्रित किया है, जो इस दौरान अस्पताल में भर्ती थे, हार्ट अटैक या स्ट्रोक के कारण आपातकाल विभाग में आए थे या फ्लू जैसी बीमारियों से ग्रस्त थे।
अध्ययन की लेखिका अमेलिया बोहमे ने कहा कि प्रशासनिक रिकॉर्ड से लोगों में फ्लू पहचान करना बहुत मुश्किल है। इसके बाद उन्होंने अध्ययन में बिलिंग कोड के माध्यम से इन्फ्लूएंजा और इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों की पहचान करने के लिए यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन द्वारा विकसित एल्गोरिथम पर भरोसा किया। शोध में पता चला कि फ्लू जैसी बीमारियों के तेज प्रकोप के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक में वृद्धि देखी गई। हालांकि स्ट्रोक में समय का अंतराल ज्यादा पाया गया।
न्यूयॉर्क सिटी स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर अमेलिया बोहमे ने कहा, ‘जिन लोगों को हार्ट अटैक आया, वे करीब सात दिन पहले से फ्लू जैसी किसी बीमारी का सामना कर रहे थे।’ उन्होंने आगे बताया, ‘हमने देखा कि हार्ट अटैक की तरह ही 15 दिन बाद स्ट्रोक आने का खतरा बढ़ जाता है, जबकि 30 दिन के बाद यह खतरा और अधिक हो जाता है।’
फ्लू के लक्षण
– बुखार
– सूखी खांसी
– गले में खराश
– सिरदर्द
– कमजोरी