अब नवजातों में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाले अंधेपन की समस्या को दूर करने के लिए एक नया आई ड्राप खोज लिया गया है। बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाली इस बीमारी से नवजातों के आंखों की रोशनी चली जाती है। किंगस्टन यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा आई ड्राप तैयार किया है जिससे नवजातों की आंखों में संक्रमण को ठीक किया जा सकेगा और जलन भी नहीं होगी।
मां से बच्चों में पहुंच रही बीमारी
नाइसेरिया गोनोरोहिया नामक बैक्टीरिया से यौन संबंधी संक्रमण गोनोरोहिया होती है। यह बैक्टीरिया दिन ब दिन उस एंटीबायोटिक के प्रति प्रतिरोधी होता जा रहा है जिससे पहले उसका इलाज किया जाता था। यह संक्रमण गर्भवती मां से बच्चों में फैल रहा है। यह बैक्टीरिया नवजातों के आंखों को प्रभावित कर रहा है। इस संक्रमण का इलाज नहीं होने पर नवजात के आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है।
नए एंटीमाइक्रोबियल एजेंट की खोज की
किंगस्टन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की टीम काफी समय से एंटीमाइक्रोबियल एजेंट मोनोकाप्रिन के क्षमताओं पर अध्ययन कर रही थी। अब इसे गोनोरोहिया संक्रमण के इलाज के लिए पुराने निष्प्रभावी एंटीबायोटिक के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि मोनोकाप्रिन में एंटीबायोटिक प्रतिरोध की चुनौती से लड़ने और एक सस्ता विकल्प देने की क्षमता है। शोधकर्ताओं के अनुसार इस दवा को आसानी से दुनिया के किसी भी हिस्से में बनाया जा सकता है।
प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर लोरी सिंडर ने कहा, बैक्टीरिया के विभिन्न स्ट्रेन पर जैसे-जैसे एंटीबायोटिक इलाज निष्प्रभावी होते जा रहे हैं, उतनी ही तेजी से नए वैकल्पिक इलाजों की तलाश करना भी जरूरी हो गया है। हमारे शोध में हमने एक सस्ते और आसानी से मिलने वाली दवा पर ध्यान केंद्रति किया। यह दवा के खिलाफ प्रतिरोध पैदा करना बैक्टीरिया के लिए आसान नहीं होगा।
क्या है मोनोकाप्रिन
मोनोकाप्रिन एक मोनोग्लिसेराइड है। यह एक फैटी एसिड है। शोधकर्ता ने पाया कि नाइसेरियरा गोनोरोहिया को मारने में मोनोकाप्रिन सक्षम है। जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित शोध में शोधकर्ताओं की टीम ने दिखाया कि कैसे मोनाकाप्रिन को आइ ड्राप में डालकर उसके जलन के प्रभाव को कम किया जा सकता है। डॉक्टर सिंडर ने कहा, मोनोकाप्रिन में हमने एक ऐसा शक्तिशाली एजेंट पाया है जो आंखों में मौजूद हर तरह के संक्रमण को दूर कर सकता है। अन्य वैकल्पिक दवाओं से आंखों में जलन होने जैसे दुष्प्रभाव पाये जा रहे थे।
अब हमने मोनोकाप्रिन से एक गाढ़ा आइ ड्राप बनाया है जिससे आंखों में जलन नहीं होगी। इस आइ ड्रॉप को स्टोर करने के लिए किसी खास वातावरण की जरूरत नहीं है। इसे कहीं भी रखा जा सकता है।
प्रकृति में छुपे हैं कई इलाज
मोनोकाप्रिन आइ ड्राप एक उदाहरण है जो बताता है कि कैसे प्रकृति से प्राप्त किए हुए पदार्थों से कई तरह की बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। प्रोफेसर रेड एलने ने कहा, हमने प्राकृतिक फैटी एसिड मोनोकाप्रिन से नवजातों की आंखों के लिए दवा तैयार कर ली है। अब इसे इनसानों पर ट्रायल के लिए भेजा जाएगा। अगर यह सफल रहा तो दुनियाभर में दवा उत्पादान करने वालों को इसे बनाने की अनुमति दे दी जाएगी।