दिल्ली के हिंदूराव अस्पताल में रविवार से डॉक्टरों और नर्स कर्मचारियों की हड़ताल से सभी चिकित्सीय सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं। ये सभी कर्मचारी लगभग पिछले चार महीनों से वेतन न मिलने की वजह से हड़ताल कर रहे हैं। पिछले सप्ताह ही इन्होंने प्रशासन को शनिवार तक वेतन दिलाने का अल्टीमेटम दिया था और कहा था कि बकाया न मिलने पर ये कोरोना वार्ड की सेवाएं भी बंद कर देंगे। पेश है हिन्दुस्तान संवाददाता की रिपोर्ट।
अस्पताल के चिकित्सकों ने वेतन न मिलने के खिलाफ मुख्य द्वार पर बैनर लगाकर काफी देर तक उत्तरी दिल्ली नगर निगम और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इन सभी डॉक्टरों में वेतन न मिलने की वजह से काफी गुस्सा नजर आ रहा था। अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अभिमन्यु सरदाना ने कहा कि वेतन न मिलने की वजह से डॉक्टरों को काफी परेशानियां आ रही हैं। किसी को घर का किराया भी उधार मांगकर देना पड़ रहा है तो किसी के पास अपनी गाड़ी को ईएमआई देने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि हम मजबूरी में हड़ताल कर रहे हैं। मरीजों को परेशान करने का हमारा कोई इरादा नहीं है। इस प्रदर्शन में महिला डॉक्टर भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं।
मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर किया गया
हिंदूराव अस्पताल कोरोना अस्पताल है। इस वजह से यहां कोरोना वार्ड कर अलावा सिर्फ इमरजेंसी की सेवाएं ही चल रही थीं। रविवार को अस्पताल में हड़ताल की वजह से इमरजेंसी सेवाएं भी ठप हो गईं। रविवार होने और कोरोना अस्पताल होने की वजह से बहुत कम मरीज यहां इमरजेंसी में आये। इन सभी को दूसरे बड़े अस्पतालों जैसे राम मनोहर लोहिया और सफदरजंग रेफर कर दिया गया। गांधी विहार से अस्पताल की इमरजेंसी में आए दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले हरीश तोमर को तेज बुखार था। उन्हें भी रेफर कर दिया गया।
एक भी मरीज न होने की वजह से सुनसान पड़ा रहा कोरोना वार्ड
अस्पताल के कोरोना वार्ड में रविवार दोपहर को एक भी मरीज भर्ती नहीं था। इस वजह से यह पूरी तरह सुनसान था। इस वार्ड को प्रशासन ने सुबह ही सेनेटाइज कर दिया था। हड़ताल को देखते हुए यहां भर्ती 20 कोरोना मरीजों को शनिवार को ही लोकनायक और दिल्ली सरकार के अन्य अस्पतालों में भेज दिया गया था।
प्रशासन ने अस्पताल सेनेटाइज कराया, अब कोरोना अस्पताल नहीं रहेगा हिंदूराव
हिंदूराव अस्पताल को रविवार को पूरी तरह सेनेटाइज किया गया है। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि अब अस्पताल कोरोना मरीजों की बजाय अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों का इलाज करेगा। अस्पताल का दावा है कि सोमवार से वरिष्ठ डॉक्टरों की मौजूदगी में ओपीडी शुरू हो जाएगी हालांकि रेजिडेंट डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार जारी रखने का फैसला किया है।