बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां जोरो पर है। पहले चरण के लिए नामांकन का काम पूरा हो चुका है। दूसरे चरण के लिए भी कई दलाें ने अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। अब धीरे-धीरे चुनावी समीकरण साफ होते जा रहे हैं। ऐसे में ऐश्वार्या और करिश्मा के चुनाव लड़ने के कयास पर भी विराम लग गया है। लाेग अब कयास लगाने लगे हैं कि क्या चुनाव बात अगर समीकरण बदले तो क्या लालू परिवार और चंद्रिका परिवार में फिर से दोस्ती हो सकती है क्या ?
बता दें कि चुनाव की घोषणा होने के पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि ऐश्वार्या राय तेजस्वी या तेज प्रताप में से किसी के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं। लेकिन अब साफ हो गया है कि ऐश्वार्या चुनाव नहीं लड़ रही है। तेज प्रताप यादव ने इस बार अपनी सीट बदल ली है। महुआ विधानसभा के निवर्तमान विधायक तेज प्रताप यादव ने अपने पूर्व विधानसभा क्षेत्र को छोड़ने का मन कुछ दिन पहले ही बना लिया था। बिहार विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट होते ही तेज प्रताप यादव महुआ छोड़ हसनपुर में रोड शो कर बता दिया था कि अगला चुनाव हम हसनपुर से ही लड़ेंगे। रविवार को पार्टी की तरफ से उन्हें सिंबल भी दे दिया गया। हसनपुर से तेज प्रताप के खिलाफ राजकुमार राय जदयू उम्मीदवार हैं। 2015 में राजकुमार राय बीजेपी विधायक थे लेकिन पाला बदलकर जदयू में शामिल हो गएतेजस्वी राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे।
वहीं चुनाव की तारीख का ऐलान हाेने से पहले तेजस्वी ने ऐश्वार्या की बहन और चंद्रिका राय की भतीजी करिश्मा को आरजेडी की सदस्यता दिला दी थी। तब ये कयास लगाए जा रहे थे कि करिश्मा को चंद्रिका राय के खिलाफ परसा से चुनाव लड़ाया जा सकता है, लेकिन आरजेडी ने परसा में लोजपा से आए छाेटे लाल राय को टिकट दे दिया है। चंद्रिका और छोटे लाल राय इससे पहले भी एक दूसरे के सामने चुनाव लड़ते रहे हैं। अभी तक करिश्मा को पार्टी ने चुनावी प्रचार में भी नहीं उतारा है। लालू परिवार के लिए महुआ सीट भी महत्वपूर्ण है। यहां से भी चंद्रिका राय के परिवार से कोई मैदान में नहीं है। जदयू ने यहां से इलियाक हुसैन की बेटी को मैदान में उतारा है। इन समीकरण के बाद लोग एक बार फिर से कयास लगाने लगे हैं कि लालू यादव ने अभी भी अपने समधी चंद्रिका राय से दोस्ती की गुंजाइश छोड़ रखी है। हालांकि तेज प्रताप व ऐश्वार्या का मामला कोर्ट में चल रहा है।