उत्तर प्रदेश के हमीरपुर की एक अदालत ने दो लोगों की हत्या मामले में एक ही परिवार के छह लोगों को दोषी करार देते हुए शुक्रवार को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार शुक्ला ने शनिवार को बताया कि विशेष न्यायाधीश (डकैती) अनिल कुमार शुक्ला की अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद 17 जनवरी 1995 को मौदहा कस्बे में पुलिस उपाधीक्षक के जीप चालक अमर सिंह व ऑटो चालक पप्पू की गोली मारकर हत्या और अमीर मोहम्मद, उसके बेटे जमीलउद्दीन एवं देवी सिंह को घायल करने के मामले में शुक्रवार को एक ही परिवार के रईस उद्दीन, कुतुब उद्दीन, कलंदर, शरीफ उद्दीन, नसीम उद्दीन और अलीम उद्दीन को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है और सभी पर 26-26 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में वादी अमीर मोहम्मद ने एक ही परिवार के नौ लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करवाया था, लेकिन सुनवाई के दौरान रजी उद्दीन, सईद उद्दीन और नईम अहमद उर्फ बुद्धू की मौत हो गई। सरकारी वकील शुक्ला ने बताया कि यह वारदात दो पक्षों में व्यवसायिक रंजिश की वजह से हुई थी, मरने वाले दोनों लोगों का किसी पक्ष से कोई सरोकार नहीं था।
उन्होंने बताया कि उस दिन कम्हरिया गांव के अमीर मोहम्मद अपने दो बेटों के साथ मौदहा कस्बे के बड़ा चौराहा के पास मिस्त्री की दुकान में अपनी जीप बनवा रहे थे, तभी उन्हीं के गांव के रजी उद्दीन, सईद उद्दीन, रईस उद्दीन, कुतुब उद्दीन, कलंदर, शरीफ उद्दीन, नसीम उद्दीन, अलीम उद्दीन नईम अहमद उर्फ बुद्धू चार पहिया वाहन से आये और उनपर अंधाधुंध गोलीबारी की।
शुक्ला ने बताया कि इसी वारदात में बगल में सरकारी जीप बनवा रहे पुलिस उपाधीक्षक के जीप चालक अमर सिंह और ऑटो चालक पप्पू की गोली लगने से मौत हो गयी थी और अमीर मोहम्मद, उसका बेटा जमील उद्दीन व मौदहा निवासी देवी सिंह घायल हो गए थे।