उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित गैंगरेप के मामले में अब नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की नज़र भी इस मामले पर है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की घोषणा भी कर दी है. सरकार ने एसआईटी को जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए दस और दिन का समय दिया है.
हर बीतते दिन के साथ इस घटना को लेकर नई बातें सामने आ रहीं हैं और विरोधाभासी दावे किए जा रहे हैं.
मीडिया में भी सूत्रों के हवाले से कई तरह की ख़बरें आ रही हैं. लेकिन, यहां वही जानकारियां दी गई हैं जिनकी पुष्टि जनलोंक इंडिया टाइम्स ने की है.
घटना कब हुई?
14 सितंबर की सुबह मृतक युवती अपनी मां और भाई के साथ घर से क़रीब आधा किलोमीटर दूर घास काटने गई थी. मृतक युवती के परिवार के मुताबिक जब वो घास काटने गए तब सुबह के आठ-पौने आठ बजे होंगे.
ठीक-ठीक समय उन्हें मालूम नहीं है. बड़े भाई के मुताबिक वो घास की एक गठरी लेकर घर आ गया था. इसके बाद मां को युवती बाजरे के खेत में बेसुध और नग्नावस्था में मिली थी.
मृतक युवती के परिवार के मुताबिक घटना सुबह साढ़े आठ बजे से नौ बजे के बीच की होगी. इसका भी ठीक-ठीक समय उन्हें याद नहीं है. थाने में दी गई पहली तहरीर में भाई ने घटना का समय सुबह 9.30 बजे बताया है.
मृतक युवती के बड़े भाई के मुताबिक वो करीब पौने नौ बजे घास लेकर घर आए थे और उन्हें करीब सवा नौ बजे घटना का पता चला था जिसके तुरंत बाद वो अपनी मां के साथ बहन को लेकर थाने गए थे. वो उसे लेकर घर आने के बजाए सीधे थाने ही गए थे.
वो कहते हैं, ‘उसे खेत से उठाकर सड़क तक लाने में भी टाइम लगा. वो बीच में और पीछे मां बैठी थी, हम उसे लेकर सीधे थाने पहुंचे और बाहर चबूतरे पर उसे लिटा दिया.’ पीड़िता की मां के मुताबिक रास्ते में वो कुछ होश में थी और उसे उल्टियां आई थीं. उसका शरीर लटक रहा था.
परिवार थाने कब पहुंचा?
तत्कालीन एसएसपी विक्रांत वीर के मुताबिक पीड़ित परिवार साढ़े नौ बजे के आसपास चंदपा थाने पहुंचा था और यहां साढ़े दस बजे पहली एफ़आईआर दर्ज कर ली गई थी. पहली एफ़आईआर पर समय साढ़े दस बजे ही अंकित है.
घटनास्थल से थाना करीब पौने दो किलोमीटर दूर है. थाने के चबूतरे पर रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें पीड़िता ने अपने साथ जबरदस्ती किए जाने का जिक्र किया है.
मौके पर मौजूद रहे एक पत्रकार के मुताबिक ये वीडियो तत्कालीन एसएचओ ने रिकॉर्ड किया है और इसमें पुलिसकर्मी पीड़िता से प्रश्न कर रहे हैं.
हालांकि, तत्कालीन एसएचओ और अब निलंबित डीके वर्मा का कहना है कि ये वीडियो उन्होंने नहीं बल्कि पत्रकार ने ही रिकॉर्ड किया था और पीड़िता से वो ही प्रश्न कर रहे हैं.
इस वीडियो में पीड़िता ने मुख्य आरोपी के नाम का ज़िक्र किया है जो उसके भाई का हमनाम भी है.
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मृतक युवती के अपने बयान में ज़बरदस्ती की बात करने के बावजूद उसके भाई की ओर से थाने में दी गई तहरीर में सिर्फ़ जान से मारने की कोशिश का जिक्र है और एफ़आईआर इसी आधार पर हुई है.
तहरीर पर घटना का वक्त साढ़े नौ बजे बताया गया है.
पुलिस की ओर से दिए गए सादे काग़ज़ पर पीड़िता के बड़े भाई ने तहरीर दी थी.
पहली तहरीर में रेप का ज़िक्र क्यों नहीं किया इस सवाल पर उसका भाई कहता है, ‘उस समय तक मुझे जो पता था मैंने तहरीर में वही लिखा. मैंने थाने में बने ऑफ़िस में अकेले बैठकर तहरीर लिखी थी. तब जो मुझे समझ आया वही मैंने लिखा.’
एफ़आईआर दर्ज होने के बाद परिजन पीड़िता को एक ऑटो में बैठाकर हाथरस ज़िला अस्पताल ले गए थे. एक महिला समेत दो पुलिसकर्मी भी उनके साथ थे.
पीड़िता की हालत ख़राब हो रही थी इसलिए परिजनों ने एंबुलेंस का इंतजार नहीं किया. पीड़िता के एक रिश्तेदार कहते हैं कि एंबुलेंस मौके पर पहुंची भी नहीं थी.