महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में पूछताछ के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने गुरुवार को रांची के रहने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी को गिरफ्तार कर लिया। 83 साल के स्टैन स्वामी को पूछताछ के बाद रांची से गिरफ्तार किया गया। इससे पहले स्वामी ने भीमा-कोरेगांव में किसी तरह की अपनी संलिप्तता से इनकार किया था।
नाम न सामने आने की शर्त पर एनआईए के दो अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि भीमा कोरेगांव केस की जांच के सिलसिले में एनआईए ने स्वामी को रांची से हिरासत में लिया। हालांकि, शुक्रवार की सुबह तक स्वामी को गिरफ्तार भी कर लिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी देने से इनकार कर दिया कि उनसे दोबारा पूछताछ क्यों की की गई?
उन्होंने कहा कि हां हमने स्टैन स्वामी को पूछताछ के लिए गुरुवार को रांची स्थित दफ्तर में बुलाया था और इस केस में उनकी भूमिका को लेकर पूछताछ हुई। गुरुवार तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी, मगर शुक्रवार को गिरफ्तारी हो गई । बता दें कि यह मामला 31 दिसंबर, 2017 के एल्गर परिषद की घटना से संबंधित है।
इससे पहले स्वामी से रांची में 7 अगस्त को दो घंटे पूछताछ की गई और बाद में उन्हें आगे की पूछताछ के लिए मुंबई के एनआईए कार्यालय में बुलाया गया। एक बयान में कहा गया कि स्वामी को छह सप्ताह की चुप्पी के बाद मुंबई में पेश होने के लिए बुलाया गया था। हालांकि, उन्होंने एजेंसी को सूचित किया था कि वह अपने बुढ़ापे और कोरोना महामारी के कारण यात्रा नहीं कर पाएंगे।