बिहार की राजनीति में परिवारवाद का एक नया चेहरा हमारे सामने आया है। बिहार विधानसभा के मौजूदा चुनाव में तीन जोड़ी ससुर-दामाद भी उतरे हैं। सभी छह अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें एक जोड़ी एक ही दल और एक ही जिले, एक जोड़ी एक दल और दो जिले जबकि ससुर-दामाद की तीसरी जोड़ी दो दल और दो जिले से मैदान में ताल ठोक रहे हैं। ये ससुर-दामाद जदयू, राजद और हम के प्रत्याशी हैं। समधी-समधन का भी एक ही दल से मैदान में उतरना और भी दिलचस्प है।
हम सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गया जिले की इमामगंज सीट से चुनाव लड़ रहे हैं तो उन्होंने दामाद देवेन्द्र मांझी को जहानाबाद जिले की मखदुमपुर सीट से उतारा है। वहीं जीतनराम मांझी की समधन ज्योति देवी भी बाराचट्टी से चुनाव लड़ रही हैं। इसी तरह सरकार के विधि मंत्री और 25 साल से लगातार जीतने वाले नरेन्द्र नारायण यादव मधेपुरा जिले की आलगनगर सीट से मैदान में हैं, तो उनके दामाद निखिल मंडल मधेपुरा से जदयू के प्रत्याशी हैं। प्रदेश जदयू के प्रवक्ता निखिल पहली बार चुनाव में उतरे हैं। उसी तरह पूर्व मंत्री चंद्रिका राय और उनके दामाद लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के रिश्ते में भले ही दरार आ गयी है, पर दोनों ही विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चंद्रिका अपनी पुरानी सीट परसा से जदयू से मैदान में हैं तो उनके दामाद तेजप्रताप यादव के राजद से समस्तीपुर के हसनपुर से उतरने के आसार हैं।