विधानसभा चुनाव के लिए बिहार में एक नया गठबंधन बना है। इसमें असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के साथ ही समाजवादी दल डेमोक्रेटिक, जनतांत्रिक पार्टी सोशलिस्ट और रालोसपा शामिल है। इस गठबंधन को ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट नाम दिया गया है। रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को इस गठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया गया है। गुरुवार को पटना में हुई इन सभी दलों की एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया गया।
इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि इस फ्रंट के संयोजक देवेंद्र यादव होंगे और सभी दल एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि देवेंद्र यादव की पार्टी के साथ असदुद्दीन ओवैसी ने पहले ही गठबंधन का ऐलान कर दिया था। महागठबंधन से अलग होने और एनडीएम में शामिल होने की नाकाम कोशिशों की बाद उपेंद्र कुशवाहा भी इसमें शामिल हो गए हैं।
उपेंद्र कुशवाहा को इस फ्रंट के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में अपना समर्थन देने के बाद ओवैसी ने कहा कि पिछले 30 सालों की सरकार से बिहार को कोई लाभ नहीं हुआ है। ओवैसी ने कहा कि नीतीश कुमार और बीजेपी के 15 साल और राजद कांग्रेस के 15 साल के शासन के बाद भी बिहार के गरीबों की स्थिति जस की तस है। राज्य सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी पीछे है। हमने बिहार के भविष्य के लिए इस गठबंधन को बनाया है और हमारी कोशिश होगी कि हम सफल हों।
इस मौके पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में महागठबंधन और एनडीए दोनों फेल हैं। नीतीश कुमार के 15 साल के शासन में राज्य और पीछे ही गया है। कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया गया है। पलायन के लिए युवा अभी भी मजबूर हैं।