काम के बढ़ते बोझ के बीच ‘फील गुड’ करना घर के बाहर रंग-बिरंगे फूल लगाना जितना आसान है। ब्रिटेन स्थित रॉयल हॉर्टिकल्चर सोसायटी का हालिया अध्ययन तो कुछ यही बयां करता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक गुलाब, गुलमोहर और मालती जैसे फूल न सिर्फ स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ का स्त्राव घटाते हैं, बल्कि ‘डोपामाइन’ व ‘सेरोटोनिन’ हार्मोन के उत्पादन को भी बढ़ावा देते हैं, जिन्हें नकारात्मक विचारों पर काबू पाने तथा जीवन से संतुष्टि का एहसास जगाने के लिए अहम माना जाता है।
लॉरियैन सुइन-पुई के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 42 वयस्कों को अपने घर के बगीचे में कुछ पौधे रखने को दिए। सभी पौधे ऐसे गमले में लगाए गए थे, जिनमें समय-समय पर खुद बखुद जरूरी मात्रा में पानी की आपूर्ति होती रहती थी। यानी प्रतिभागियों को इनकी देखभाल करने की जरूरत नहीं थी।
हालांकि, पौधे रखने के बाद प्रतिभागी खुद इनके रखरखाव में दिलचस्पी दिखाने लगे। इस दौरान शोधकर्ताओं ने उनमें ‘कॉर्टिसोल’, ‘डोपामाइन’ और ‘सेरोटोनिन’ सहित अन्य हार्मोन के स्तर की जांच की।
उन्हें 53 फीसदी प्रतिभागियों में सभी हार्मोन संतोषजनक स्थिति में मिले, जबकि शुरुआत में यह आंकड़ा 24 प्रतिशत के करीब था। अध्ययन के नतीजे ‘जर्नल लैंडस्केप एंड अर्बन प्लानिंग’ के हालिया अंक में प्रकाशित किए गए हैं।