आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा के कारण दिल्ली एक बार फिर से गैस चैंबर बनेगी। दरअसल, पंजाब और हरियाणा में किसानों ने पराली जलाना शुरू कर दिया है। हर साल पराली जलाने कारण दिल्ली की हवा भयंकर रूप से प्रदूषित हो जाती है। एक्यूआई भी खतरनाक की स्थिति में पहुंच जाता है। पराली जलाने की घटनाओं के बाद बुधवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब की श्रेणी में पहुंच गई थी।
राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब में पराली जलाने के अब तक 606 और हरियाणा में 137 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इस कारण दिल्ली में प्रदूषण का स्तर आने वाले दिनों में और बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों की आपराधिक लापरवाही व गैर जिम्मेदराना रवैया दिल्लीवालों के सेहत पर भारी पड़ेगा। चड्ढा ने ईपीसीए से मामले में संज्ञान लेकर दोनों राज्य सरकारों से कार्रवाई की मांग की है, जिससे पराली ना जले।
आप विधायक ने आरोप लगाया कि दिल्ली की केजरीवाल सरकरा के अभियान को विफल बनाने की कोशिश हो रही है। दिल्ली की सरकार राजधानी में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। हालांकि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं से इस पर असर पड़ रहा है। बता दें कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही हरियाणा में 3 गुना तो पंजाब में 9 गुना तक पराली जलाने का मामला बढ़ गया है। दिल्ली में प्रदूषण के 70 फीसदी कारण बाहरी हैं जबकि 45 फीसदी इसमें पराली के धुंए का असर होता है।
वायु गुणवत्ता खराब की श्रेणी में पहुंची
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता बुधवार सुबह थोड़ी देर के लिए ‘खराब’ की श्रेणी में पहुंच गई थी। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में पीएम-10 सुबह 10 बजे 225 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। पीएम 10 माप में, 10 माइक्रोमीटर जितना कण होता है, जो सांस लेते समय फेफड़ों में जा सकता है। इन कणों में धूल, पराग और मोल्ड बीजाणु शामिल हैं। दिल्ली में सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 207 रहा। वह सोमवार को 179 था। वायु गुणवत्ता शून्य से 50 के बीच ‘अच्छी, 51 से 100 ‘संतोषजनक, 101 से 200 ‘मध्यम, 201 से 300 ‘खराब, 301 से 400 ‘बेहद खराब और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर मानी जाती है।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में खेतों में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि और प्रतिकूल मौसम के कारण वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार तक ‘खराब की श्रेणी में पहुंच सकती है। सफर के अनुसार सोमवार को पराली जलाने के 298 मामले सामने आए।