हाथरस कांड की प्रारंभिक छानबीन के लिए गठित एसआईटी बुधवार को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। प्रदेश सरकार ने गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। एसआईटी द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के एसपी, सीओ समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। एसआईटी को जांच के लिए सात दिन दिए गए थे। एसआईटी अब अपनी छानबीन पूरी कर बुधवार को रिपोर्ट सौंप सकती है।
सीबीआई को सौंपी जा चुकी है जांच
हाथरस कांड में चारों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पीड़िता के परिवार और विपक्ष के आरोपों के मद्देनजर यूपी सरकार ने पहले तीन सदस्यीय एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। लेकिन इस कांड को लेकर सरकार और पुलिस के एक्शन पर सवाल उठने लगे थे, जिसके बाद यूपी सरकार ने सोमवार को यह मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया।
गौरतलब है कि हाथरस जिले के एक गांव में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की से चार लड़कों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था। इस लड़की की बाद में 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। मौत के बाद आनन-फानन में पुलिस ने रात में अंतिम संस्कार कर दिया था, जिसके बाद काफी बवाल हुआ। परिवार का कहना है कि उसकी मर्जी से पुलिस ने पीड़िता का अंतिम संस्कार किया, वहीं पुलिस ने इन दावों को खारिज किया।
राखी बिड़लान का यूपी सरकार पर हमला
आम आदमी पार्टी की विधायक राखी बिड़लान ने हाथरस से लौटने के बाद मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि योगी सरकार हाथरस में आरोपियों को बचा रही है। विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। राखी ने कहा कि हाथरस की बेटी के घर कोई भी विपक्ष जाता है तो उसे पुलिस रोकती है और कई बार तो बल प्रयोग भी करती है। बलात्कारियों को फांसी की सजा मांगने पर 14-14 एफआईआर दर्ज की जा रही है। योगी सरकार हमारे ऊपर गोलियां चलवाए, स्याही फेंकवाए या एफआईआर दर्ज कराए, लेकिन हम लोग हाथरस की गुड़िया के लिए न्याय की लड़ाई जारी रहेगी। विधायक राखी ने मांग की कि इस केस की सुनवाई उत्तर प्रदेश से स्थानांतरित करके किसी गैर भाजपा शासित राज्य में इसकी जांच कराई जाए।