टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटले में उच्च न्यायालय ने सोमवार को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से यह बताने के लिए कहा है कि क्या मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की पैरवी करने के लिए उनकी नियुक्ति के लिए सरकार ने कोई अधिसूचना जारी की थी। उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत द्वारा इस घोटाले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा व अन्य आरोपियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील दिन-प्रति दिन सुनवाई शुरू करते हुए यह सवाल किया है।
जस्टिस बृजेश सेठी ने एएसजी जैन से यह सवाल तब किया जब मामले में बरी हो चुके एक आरोपी ने कहा कि ‘सरकार ने फरवरी, 2018 में अधिसूचना जारी कर तत्कालीन अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को इस मामले में अपील दाखिल करने और मुकदमा लड़ने के लिए नियुक्त किया था। मेहता फिलहाल सॉलिसिटर जनरल हैं। न्यायाधीश ने कहा कि ‘मुझे पता है कि पहले तुषार मेहता के पक्ष में सरकार ने अधिसूचना थी।
साथ ही कह कि मुझे उम्मीद है कि आपकी (जैन) नियुक्ति के लिए सरकार ने अधिसूचना जारी किया होगा। न्यायाधीश ने एएसजी जैन से कहा मुझे उस पहलू पर स्पष्टीकरण की जरूरत है। इसका जवाब देते हुए जैन ने कहा कि रिपु दमन भारद्वाज सीबीआई के स्थाई अधिवक्ता हैं और उन्होंने मामले में पेश होने के लिए उनसे आग्रह किया था, इसलिए वह पेश हो रहे हैं। जैन ने न्यायालय को बताया कि वह इस मसले पर निर्देश मांगेंगे और मंगलवार को सूचित करेंगे। इससे पहले, मामले में बरी हो चुके कुशेगांव फ्रुट्स एंड वेजीटेवल के प्रवर्तक आसिफ बलवा ने मामले में आरोपियों को बरी करने के विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने के लिए सरकारी से मिली मंजूरी की कॉपी मांगी।
बलवा ने न्यायालय को बताया कि अपराध प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत सीबीआई ने अब तक अपील दाखिल करने के लिए सरकार से मिली मंजूरी वाला आदेश पेश नहीं किया और इस मामले में यह अधिवक्ता संजीव भंडारी द्वारा बतौर विशेष लोक अभियोजक दाखिल की गई है। बलवा की ओर से अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने इस मामले में अपील दाखिल करने से लेकर सीबीआई और ईडी की ओर से पैरवी करने के लिए पेश हो रहे एएसजी जैन की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए। मामले की सुनाई मंगलवार को भी जारी रहेगी। विशेष अदालत ने 21 दिसंबर, 2017 को इस मामले में पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री ए.राजा, डीएमके सांसस कनिमोझी सहित सभी आरोपियों को भ्रष्टाचार और धन शोधन के आरोपों से बरी कर दिया था।