रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के चढ़ावे की धनराशि से रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कोष लगातार बढ़ता जा रहा है। ट्रस्ट के कोष में फिलहाल एक अरब से ऊपर राशि रामभक्त के दान से आ चुकी है। इसकी पुष्टि रामजन्मभूमि ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाशकुमार गुप्त ने की। उन्होंने बताया कि रविवार को भी सैकड़ों श्रद्धालुओं ने यथाशक्ति राम मंदिर के निर्माण में योगदान दिया। वहीं नागपुर से आए आठ रामभक्तों ने अलग-अलग 11-11 चांदी के सिक्के दान में दिए है। इन्होंने अपना गुप्त रखा है। इसी तरह से एक दिन पहले आए कुशीनगर के सांसद विजयकुमार द्विवेदी व गो सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अतुल सिंह ने भी तीन किलो चांदी ट्रस्ट को दान में दी है।
चार लाख गांवों के 11 करोड़ रामभक्त परिवारों से मांगेगी चंदा :
विहिप के केन्द्रीय मार्ग दर्शक मंडल की बैठक हरिद्वार में न होकर अब दिल्ली में ही होगी। दस व 11 नवम्बर को आयोजित इस बैठक में देश भर के विभिन्न सम्प्रदायों के धर्माचार्य शामिल होंगे। यह धर्माचार्य रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए सहयोग राशि जुटाने के लिए देश के चार लाख गांवों के 11 करोड़ रामभक्त परिवारों से व्यापक सम्पर्क की मुहिम चलाने के निर्णय पर अपनी मुहर लगाएंगे। इसके उपरांत मुहिम की विधिवत तैयारी शुरु की जाएगी। जन सम्पर्क की यह मुहिम मकर संक्रांति से शुरू हो जाएगी।
फिलहाल भोपाल में हुई विहिप की केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ही रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के जन सम्पर्क अभियान की मुहिम को धार देने का निर्णय लिया जा चुका था। इस संदर्भ में राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से सहयोग राशि प्राप्त करने के लिए कूपन व पत्रक छपवाया जाएगा, जिसमें रामजन्मभूमि के संक्षिप्त इतिहास के साथ राम मंदिर के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी शामिल होगी। ट्रस्ट के अधिकृत सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रामजन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से छपवाए जाने वाले पत्रक व कूपन अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं में छपवाए जाएंगे जिससे विभिन्न भाषा-भाषी लोगों को विषय समझने में सुविधा हो। बताया गया कि सहयोग राशि के लिए छपने वाले कूपन दस व सौ रुपये के होंगे। यदि कोई अधिक राशि का योगदान देना चाहेगा, उसे ट्रस्ट की रसीद दी जाएगी।
पर्यटन से ज्यादा जरूरी है जनभावनाओं का केंद्र बने मंदिर : पंकज
विहिप के केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज का कहना है कि रामजन्मभूमि को पर्यटन का केंद्र बनाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है जनभावनाओं का केंद्र बनाना। वह कहते हैं कि सदियों के संघर्ष के बाद राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त भले हो गया है लेकिन खतरा बरकरार है। यह खतरा जेहादी मानसिकता रखने वाले समूह से है। वह चाहे आईएसआई हो या फिर आईआईएस। उन्होंने कहा कि पांच सौ सालों तक संघर्ष के परिणामस्वरूप हिन्दू समाज की जाग्रत चेतना के बलबूते ही हम अपने जीवनकाल में मंदिर के सपने को साकार होते देख रहे हैं। यह चेतना इसी प्रकार जाग्रत रही तो भविष्य में दोबारा कोई भी इधर आंख उठाकर नहीं देख सकेगा।
प्रयागराज से वापस लौटे ट्रस्ट महासचिव
विहिप के क्षेत्रीय बैठक के समापन के बाद रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय एवं विहिप के केन्द्रीय पदाधिकारी गण प्रयागराज से वापस अयोध्या लौट आए हैं। देर शाम वापस लौटे ट्रस्ट महासचिव व विहिप नेताओं ने रविवार की सुबह रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन किया। इसके साथ ही मंदिर निर्माण के कार्यस्थल का भी निरीक्षण किया। बताया गया कि मंदिर के फाउंडेशन का काम शुरू करने से पहले टेस्ट पाइलिंग के जरिए तीन सेट में निर्मित 12 स्तम्भों के भार वहन क्षमता का परीक्षण किया जाएगा। फिलहाल निर्मित स्तम्भों के सेट होने की प्रतीक्षा की जा रही है। नियमत: इस कार्य के लिए 28 दिन चाहिए। फिलहाल इस बारे में आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञ निर्णय लेंगे।