एक झगडालू प्रवृति के युवक को अदालत ने अलग तरह की शर्त पर जमानत दी है। अदालत का मकसद इस युवक को सही राह पर लाना है इसलिए अदालत ने इस युवक को जेल भेजने की बजाय सेवा शर्त पर अग्रिम जमानत देने का फैसला किया। दरअसल इस युवक को छोटी-छोटी बातों पर पड़ोसियों से झगड़ने की आदत है और फिर खुद ही इतना आग-बबूला हो जाता है कि मारपीट पर उतारु हो जाता है। ऐसे में अदालत ने इस युवक को एक वृद्धाआश्रम में सेवा करने की शर्त पर जमानत दी है।
रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए पांडे की अदालत ने आरोपी रवि को निर्देश दिया है कि वह बाहरी दिल्ली के एक वृद्धाआश्रम में दो महीने सुबह और शाम साफ-सफाई करेगा। इसके अलावा वहां मौजूद बुजुर्गों की सेवा भी उसे करनी होगी। बुजुर्गों को अगर बाहर से सामान मंगाना होगा तो वह उन्हें लाकर देगा। इस युवक पर निगरानी की जिम्मेदारी वृद्धाआश्रम के संचालक को सौंपी गई है।
संचालक की रिपोर्ट के आधार पर ही इस युवक की जमानत को दो महीने बाद नियमित किया जाएगा। अदालत ने इस मामले में आरोपी युवक की जमानत याचिका पर फैसला करते हुए टिप्पणी की कि युवक में झगड़े के अलावा कोई ऐब नहीं है। वह झगडालू प्रवृति का है। पुलिस द्वारा पेश रिपोर्ट में भी कहा गया है कि उसे गुस्सा बहुत जल्दी आता है। पढ़ाई में बेहतर है। लेकिन गुस्से के कारण वह कभी कॉलेज में तो कभी पड़ोसियों से उलझ पड़ता है। अदालत ने युवक के भविष्य को देखते हुए उसे जेल भेजने की बजाय उसमें सुधार के लिए अन्य रास्ता निकाला और उसे बुजुर्गों की सेवा के आदेश दिए।
तीन पड़ोसियों ने एक साथ की शिकायत
इस मामले में आरोपी युवक के तीन पड़ोसियों ने पुलिस में एक साथ शिकायत दी। उन्होंने कहा कि वह पिछले काफी समय से परेशान हैं। छोटी-छोटी बातों पर यह युवक मारपीट पर उतारु हो जाता है। माता-पिता भी बहुत समझाते हैं। लेकिन यह सुधरने को तैयार नहीं है। पड़ोसियों ने एक ऐसा पत्र भी पेश किया जिसमें गली के लगभग सभी पड़ोसियों ने इस युवक की झगडालू प्रवृति पर लगाम के लिए हस्ताक्षर किए थे। पड़ोसियों का कहना था कि उन्हें हमेशा भय लगा रहता है कि कब वह किसी भी छोटी सी बात को झगड़ा ना कर ले।
बुजुर्ग की शिकायत पर अदालत ने लिया निर्णय
इन तीन शिकायतों में से एक शिकायत 78 वर्षीय एक बुजुर्ग की भी थी। उनका कहना था कि यह युवक उन्हें तरह-तरह से परेशान करता है। कभी घर के सामने कूड़ा फेंक देता है तो कभी घर के बाहर रखे अखबार को उठा कर ले जाता है। अगर उसे ऐसा करने काे रोको तो गाली-गलौच व अपशब्द बोलने लगता है। अदालत ने बुजुर्ग के अपमान को देखते हुए इस युवक को बुजुर्गों की सेवा करने का ही काम देने का निर्णय किया है।
हफ्ते में छह दिन सुबह व शाम दो-दो घंटे के लिए करेगा सेवा
अदालत ने युवक की पढ़ाई को देखते हुए निर्देश दिया है कि वह हफ्ते में छह दिन सुबह छह से आठ बजे और शाम छह से आठ बजे तक वृद्धाआश्रम में सेवा देगा। रविवार को उसे सेवा से छूट दी गई है। अदालत ने युवक को कहा है कि अगर संचालक की तरफ से उसके व्यवहार को लेकर शिकायत मिली तो उसकी सेवा की शर्त को खत्म कर उसे जेल भेज दिया जाएगा। अदालत ने कहा कि युवक में सुधार के लिए ऐसा कदम उठाया गया है।