विकास दुबे और उसके साथियों की आर्थिक कुंडली खंगाल रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अहम साक्ष्य मिले हैं। विकास दुबे के खातों की फोरेंसिक जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ लोगों ने उसके साथ लाखों रुपए का लेनदेन किया। एक तरफ पैसा जमा हुआ और दूसरी तरफ 48 घंटे में निकल गया। हमले की रात यानी तीन जुलाई से पहले विकास के खातों से पैसा निकला और केवल 70 हजार रुपए की रकम छोड़ी गई। इस रकम को भी हमले के बाद निकालने का प्रयास किया गया।
विकास दुबे की काली कमाई की तलाश कर रही ईडी की टीम को उसके खातों से कई राज मिले हैं। विकास के पंजाब नेशनल बैंक शिवली एकाउंट की पड़ताल से खुलासा हुआ है कि कुछ ऐसे लोग भी थे, जो कभी सामने नहीं आए और विकास की रकम को ठिकाने लगाते थे।
कैलाश सिंह नाम के शख्स ने विकास के खातों से करीब 14 बार लेनदेन किया। गोपाल नाम के व्यक्ति ने विकास के खातों से 11 बार लेनदेन किया। बजरंग उद्योग नाम की एक फर्म ने उसके खातों में एक बार पांच लाख जमा कराए। फिर 50 हजार या इससे ज्यादा की रकम कई बार जमा हुई। इसी तरह नमन ट्रेडर्स नाम की फर्म ने विकास के खाते में 8.54 लाख रुपए जमा कराए।
जेएसआर इंजीनियरिंग नाम की फर्म ने तीन बार में विकास के खाते में करीब 12 लाख रुपए जमा किए। पहली बार 5 लाख, दूसरी बार 3 लाख और तीसरी बार 3.87 लाख रुपए जमा किए गए। ईडी को पीएनबी शिवली ब्रांच में विकास का एक लाकर भी मिला है, जिसका 1180 रुपए किराया हमले से पहले उसने जमा कराया। ईडी ने पाया है कि 24 बार में लाखों रुपए की रकम कैश निकाली गई। जांच एजेंसी को शक है कि खातों में रकम जमा कराने वाले और फिर निकालने वाले अलग-अलग हैं। ये वसूली की रकम भी हो सकती है, जिसे सफेद करने के लिए डमी नाम से जमा कराया गया।
विकास के खाते की रकम निकालती थी ऋचा
विकास के खातों में जमा होने वाली रकम का एक हिस्सा पत्नी रिचा दुबे भी निकालती थी। उसके खातों में कई इंट्री मिली हैं जिसमें रिचा ने आरटीजीएस के जरिए पैसा अपने खाते में ट्रांसफर किया।