बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए गुरुवार से जहां नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई, वहीं, राज्य के दोनों बड़े गठबंधनों के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे का मामला नहीं सुलझ सका है। इसे लेकर गुरुवार को भी एनडीए और महागठबंधन में बैठकों का दौर चलता रहा। लोजपा के रुख को लेकर जहां एनडीए में जिच कायम है तो उधर, महागठबंधन में भी राजद-कांग्रेस के बीच अंतिम रूप से कुछ तय नहीं हो पाया है।
एनडीए में बैठकों का दौर जारी, पर नहीं निकला नतीजा
एनडीए में सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान गुरुवार को भी नहीं हो सका। जदयू, भाजपा व लोजपा, तीनों दलों के भीतर बैठकें चलती रहीं। उम्मीद की जा रही थी कि इस गठबंधन के दोनों प्रमुख दल जदयू और भाजपा के शीर्ष नेताओं की संयुक्त बैठक होगी और सीटों का बंटवारा नतीजा पा सकेगा। यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहार भाजपा प्रभारी भूपेन्द्र यादव और चुनाव प्रभारी देवेन्द्र फडणवीस की मुलाकात होगी पर गुरुवार देर शाम तक ऐसा नहीं हुआ। वहीं, दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की जरूर मुलाकात हुई। अंदरखाने में इन नेताओं की जो भी बातचीत हुई पर धरातल पर इसका कोई परिणाम सामने नहीं आ सका।
नीतीश और मोदी के आवास पर बैठक
सीट बंटवारे के मसले पर गुरुवार को जदयू अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर संगठन महासचिव आरसीपी सिंह और सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के बीच लंबी मंत्रणा हुई। माना जा रहा है कि इस बैठक में जदयू ने अपनी सीट और उम्मीदवारों के नामों पर विमर्श किया। जदयू अपने कोटे की संभावित सीट और उम्मीदवारों पर लगभग काम कर चुका है। उधर, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के आवास पर केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, बिहार चुनाव प्रभारी देवेन्द्र फडणवीस, बिहार प्रभारी भूपेन्द्र यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल व संगठन महामंत्री नागेन्द्र के बीच दो घंटे तक बैठक चली। भाजपा नेताओं ने पार्टी के अपने कोटे की संभावित सीटों पर चर्चा की।
महागठबंधन में सीटों को लेकर चलता रहा मान-मनौव्वल का दौर
महागठबंधन में सीटों को लेकर दलों के बीच मान-मनौव्वल का दौर दिनभर चलता रहा। इसके बावजूद कांग्रेस और राजद के बीच उत्पन्न गतिरोध दूर नहीं हुआ है। दोनों दलों के नेताओं की मानें तो सीटों की संख्या की बात लगभग तय हो गई है। उम्मीद है कि शुक्रवार तक इसकी घोषणा भी हो जाए। बताया गया कि कांग्रेस को 65 सीटें तक देने को लेकर दोनों में सहमति बन गई है। खास यह है कि दोनों दल अपनी जिद छोड़ने पर सहमत हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने गुरुवार को भी दिल्ली में केन्द्रीय नेतृत्व के साथ बैठक की। वीआईपी के नेता मुकेश सहनी ने सीटों पर चर्चा को लेकर दस सर्कुलर रोड में तेजस्वी यादव से मुलाकत की। उधर, माले को मनाने के लिए राजद सांसद मनोज झा और विधायक भोला यादव गुरुवार को माले कार्यालय जाकर बात की। हालांकि माले ने साफ कह दिया कि बीस सीटों से नीचे उतरना उसके लिए कठिन है। उसे सीटों के नाम भी मंजूर नहीं है।