कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने में मास्क कारगर हैं और इस बात को साबित करने के लिए अधिक सबूत मिले हैं। एक नए शोध के अनुसार घर में बने कपड़े के मास्क 99.9 फीसदी संक्रमित सूक्ष्म बूंदों के प्रसार को रोकने में कारगर हैं। सर्जिकल मास्क 100 फीसदी तक ऐसी बूंदों के प्रसार को रोकने में कारगर होते हैं।
शोध में दिखाया गया है कि किसी बिना मास्क वाले व्यक्ति से छह फीट दूर खड़े व्यक्ति के संक्रमित होने का खतरा मास्क पहने व्यक्ति से 1.5 फीट दूरी खड़े व्यक्ति की तुलना में 1000 गुना ज्यादा था। एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के रोजलिन संस्थान की टीम ने कहा कि इस शोध से पता चलता है कि संक्रमित व्यक्ति के मास्क पहनने से संक्रमण होने का खतरा कम होता है।
प्रीप्रिंट सर्वर मेडआरएक्सआईवी डॉट ओआरजी पर प्रकाशित अध्ययन के लिए टीम ने दो प्रकार के मास्क देखे: सर्जिकल मास्क और सिंगल-लेयर सूती का मास्क। इन मास्कों पर पुतलों के मुंह से निकलने वाली बूंदों और इनसानों के खांसने या बोलने से निकलने वाली बूंदों का परीक्षण किया गया। जब पुतले ने दोनों मास्क पहनकर एयरोसोल स्प्रे किया तो 1000 में से सिर्फ एक ही बूंद बाहर निकली। वहीं, जब इनसानों ने बिना मास्क के खांसा तो हजारों सूक्ष्म बूंदें हवा में फैल गई। सर्जिकल मास्क को घर में बने सूती कपड़ों के मास्क से थोड़ा ही ज्यादा प्रभावी पाया गया। कपड़े के बने मास्क बड़ी बूंदों और पांच माइक्रोमीटर तक की बूंदों को रोकने में सक्षम होते हैं।