पराली से होने वाले प्रदूषण से निजात पाने के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार नया कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बुधवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सरकार दिल्ली के हर किसान के घर जाकर उनके खेतों में मुफ्त में पराली के डंठल को खाद में बदलने वाले रसायन का छिड़काव करेगी।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पराली जलने की वजह से बहुत प्रदूषण हो जाता था। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार राजधानी के सभी किसानों के खेतों में पराली को खाद बनाने के लिए फ्री में पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा बनाए घोल का छिड़काव करेगी।
पराली से निजात दिलाने के लिए पूसा ने हमें एक अनोखा समाधान दिया है। उन्होंने एक खास तरह के कैप्सूल बनाए हैं। एक हेक्टेयर में उनके चार कैप्सूल गुड़ और बेसन के घोल में मिलाकर छिड़काव करने से पराली का डंठल गल जाता है और उसकी खाद बन जाती है। इस घोल के छिड़काव से पराली का डंठल 15-20 दिन में खेत खाद बन जाता है और कैप्सूल से घोल बनाने में हफ्ते से दस दिन लग जाते हैं।
दिल्ली सरकार पूसा इंस्टीट्यूट की निगरानी में ये घोल 5 अक्टूबर से बनाना शुरू करेगी। 12-13 अक्टूब तक ये तैयार हो जाएगा। इसके बाद किसानों की सहमति से दिल्ली सरकार खुद ट्रैक्टर किराये पर लेकर पूरा छिड़काव फ्री में करवाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में 800 हेक्टेयर में गैर-बासमती चावल उगाया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस पूरे छिड़काव पर 20 लाख रुपये से भी कम की लागत आएगी। मैं उम्मीद करता हूं कि आस-पास के राज्यों में भी जितना हो सकेगा, उतना इसे इस साल लागू करने की कोशिश की जाएगी।