राजधानी दिल्ली में सितंबर माह में कोरोना संक्रमण को लेकर हुए तीसरे सिरो सर्वे में 25.1 फीसदी लोगों में ही COVID-19 से लड़ने वाली एंटीबॉडी मिली हैं, पिछले सर्वे में यह आंकड़ा 28.7 प्रतिशत था। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को बताया कि राजधानी में 15 दिनों के भीतर अगला सिरो सर्वे शुरू हो जाएगा।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में 1 से 7 सितंबर तक तीसरा सिरो सर्वे किया गया था। इसमें दिल्ली के सभी 11 जिलों से कुल 17 हजार से ज्यादा नमूने लिए गए थे। सर्वे के जरिये यह पता लगाया जाता है कि इस समय कितने फीसदी लोगों में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी बन चुकी है। इससे दिल्ली में कोरोना की स्थिति का विस्तारपूर्वक विश्लेषण किया जा सकेगा।
ट गई एंटीबॉडी वाले लोगों की हिस्सेदारी
दिल्ली में इससे पहले अगस्त में सिरो सर्वे किया गया था। इस दौरान राजधानी में 29 फीसदी लोगों में कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले एंटीबॉडी मिली थीं। इसका मतलब है कि ये लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे और इनमें कोरोना से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित हुई। इससे पहले जुलाई में हुए सिरो सर्वे में 22.86 फीसदी लोगों में कोरोना से लड़ने वाले एंटीबॉडी मिली थे। इन सभी सर्वे में उन्हीं नियमों का पालन किया गया है, जो नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की तरफ से किए गए सर्वे में किया गया था।
हार्ड इम्यूनिटी बहुत दूर की बात : विशेषज्ञ
एम्स के प्रोफेसर नवल विक्रम का कहना है कि लोगों में एंटीबॉडी हमेशा नहीं रहते। उन्होंने कहा कि सम्भव है लोगों में एंटीबॉडी बनने के बाद कम हो गए हों। उन्होंने कहा कि हालिया सर्वे के नतीजों को देखकर लगता है हार्ड इम्यूनिटी अभी बहुत दूर है। इसके सहारे कोरोना को नहीं हराया जा सकता। उन्होंने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है लोगों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते रहना चाहिए।