देश की राजधानी दिल्ली कितनी महफूज है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां हर दिन तीन बलात्कार की घटनाएं होती हैं और 126 गाड़ियां चोरी होती हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में दिल्ली में हर दिन 3 रेप की घटनाएं हुईं और 126 गाड़ियां चोरी की गईं। वहीं, उससे पिछले साल की तुलना में राष्ट्रीय राजधानी में ओवर ऑल अपराध में भी 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं, इस दौरान नेशनल क्राइम रेट में 3 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में अधिकांश अपराधों में सबसे ज्याद चोरी की घटनाएं शामिल हैं। दिल्ली में 299,475 अपराधों में से 82 फीसदी से अधिक चोरी वाले अपराध थे, जैसे चोरी, वाहनों की चोरी या स्नैचिंग। इस श्रेणी में अपराधों में 2018 की तुलना में 25.7 फीसदी की वृद्धि देखी गई। इसके विपरीत पूरे भारत में 3.2 मिलियन अपराधों में से सिर्फ 20 फीसदी से अधिक चोरी के मामले थे, जहां कुल मिलाकर 8 फीसदी की वृद्धि हुई।
हालांकि, दिल्ली में गाड़ी चोरी के मामलों में मामूली गिरावट देखने को मिली है। 2018 में जहां दिल्ली में 46433 गाड़ियों की चोरी हुई थी, वहीं पिछले साल 46,215 गाड़ियों के चारो होने के मामले सामने आए।
वहीं बलात्कार के मामलों की बात करें तो दिल्ली में रेप की घटनाओं में इजाफा हुआ है। एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक, उससे पिछले साल की तुलना में 2019 में रेप के मामलों में 3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 969 रेप के मामलों में बच्चे पीड़ित थे, जबकि 2018 में यह संख्या 989 थी। यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दर्ज मामले 2018 में जहां 1736 थे, वहीं 2019 में मामूली गिरावट के साथ 1719 थे। आंकड़ों के मुताबिक, हर सप्ताह में 24 रेप के मामले सामने आए।
NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 में कुल बलात्कार के 1,253 मामलों में से 98.7 फीसदी मामलों में पीड़ित और संदिग्ध आरोपी एक-दूसरे को जानते थे। इन रेप के मामलों में से 129 परिवार के सदस्य थे, 588 दोस्त, पड़ोसी या नियोक्ता थे। वहीं 520 ऐसे मामले थे, जिनमें आरोपी ऑनलाइन दोस्त, अजनबी पार्टनर थे या वो जिन्होंने शादी का बहाना बनाकर रेप किया।