दिल्ली में सितंबर महीने में 77 हजार से ज्यादा मरीज ठीक होकर कोरोना को मात दे चुके हैं। वहीं जून माह के मुकाबले सितंबर माह में कोरोना से एक तिहाई से भी कम मौतें हुईं हैं। यह दिल्ली सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और समय पर संक्रमितों की पहचान से यह मुमकिन हो पाया है। यह बात मंगलवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने पत्रकारों से बात करते हुए कही।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में जून के मुकाबले सितंबर में कोरोना के अधिक मामले सामने आए हैं, लेकिन मृतकों की संख्या एक तिहाई से भी कम रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में जिस किसी व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण देखे जा रहे हैं, उनकी आरटी-पीसीआर जांच की जा रही है। जैन ने कहा कि दिल्ली में जून की तुलना में सितंबर में संक्रमण के काफी अधिक मामले सामने आए हैं। हालांकि इस महीने जो मौतें हुईं, वे जून में हुईं मौतों की एक तिहाई भी नहीं है।
प्रतिदिन 10 हजार से अधिक की जा रही आरटी-पीसीआर जांच
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में प्रतिदिन औसतन 10 हजार से अधिक आरटी-पीसीआर जांच की जा रही हैं। जैन ने कहा कि हम हर ऐसे व्यक्ति की जांच करा रहे हैं, जिसमें संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए हैं। जांच क्षमता महत्व नहीं रखती। दिल्ली में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है, जिसमें लक्षण दिखे हों और उसकी आरटी-पीसीआर जांच न की गई हो। सितंबर माह की बात करें तो दिल्ली सरकार के हेल्थ बुलेटन में मिले आंकड़ों के अनुसार 15 सितंबर को आरटी-पीसीआर और रैपिड दोनों मिलाकर अब तक की सबसे अधिक 62 हजार 669 जांचे हुई। सितंबर में 7 दिन 60 हजार से अधिक जांचे हुई। वहीं 10 दिन में 50 हजार से अधिक जांचे हुई।