दिल्ली-एनसीआर की हवा अगले तीन-चार दिनों में खराब हो सकती है। हवा की दिशा में आए बदलाव, मानसून की वापसी और पराली के धुएं की वजह से ऐसा होने की आशंका जताई जा रही है। सोमवार को भी दिल्ली के पांच निगरानी केन्द्रों की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई।
दिल्ली के लोग इस साल पहले वर्षों की तुलना में बेहद अच्छी हवा में सांस ले रहे हैं। मार्च के पहले सप्ताह से ही मौसम की अलग-अलग गतिविधियों के चलते हवा साफ हो गई। बाद में लॉकडाउन के चलते इंसानी गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो गई, जिससे हवा बेहद साफ हो गई। बाद में मानसून की सक्रियता ने हवा को साफ बनाए रखा। लेकिन, साफ हवा की यह स्थिति अब खत्म होती नजर आ रही है। हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा में इजाफा हो रहा है।
159 रहा सूचकांक
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, सोमवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 159 के अंक पर रिकॉर्ड किया गया। इस स्तर की हवा को मध्यम श्रेणी में रखा जाता है। केन्द्र सरकार के दिल्ली के लिए निर्धारित वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान सिस्टम के मुताबिक अगले दो दिनों के बीच हवा की दिशा उत्तर पश्चिम दिशा से रहेगी। हवा की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा रहने के चलते हवा अभी मध्यम श्रेणी में रहेगी। हालांकि, गुणवत्ता के खराब होने की पूरी आशंका है।
दो दिन में दिल्ली से विदा होगा मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक, राजस्थान के पश्चिम में प्रतिचक्रवात बनने के चलते मानसून की वापसी तेजी से हो रही है। पश्चिम राजस्थान और पंजाब के काफी हिस्से से मानसून की वापसी हो गई है। अगले दो तीन दिनों में चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से भी इसकी वापसी हो जाएगी। मानसून के विदा होने पर हवा की रफ्तार भी कम होने की संभावना है।
जलाई जा रही पराली
पराली को जलाने से रोकने के लिए भले ही पहले से प्रयास किए जा रहे हों, लेकिन, सच्चाई यह है कि पराली जलाने की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित संस्था सफर के मुताबिक पंजाब और पाकिस्तान के सीमावर्ती हिस्से से पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की जा रहीं हैं। कुछ स्वतंत्र सूत्र हरियाणा के कुछ हिस्सों में भी पराली जलाने की शुरुआत होने की बात कह रहे हैं। हवा की दिशा अब उत्तर पश्चिम की तरफ होने से जल्द ही दिल्ली-एनसीआर की हवा को पराली का धुआं प्रभावित करने लगेगा।
इपका ने हरियाणा को लगाई फटकार
जाड़े के प्रदूषण वाले दिनों को करीब देखते हुए पर्यावरण प्रदूषण निवारक प्राधिकरण (इपका) ने रोकथाम की कोशिशें तेज कर दी हैं। सोमवार को सोनीपत और पानीपत के औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण रोकने के समुचित कदम नहीं उठाने के लिए हरियाणा के अधिकारियों को फटकार लगाई। इपका की ओर से अलग-अलग प्रदेशों के अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है। इस क्रम में राजस्थान के साथ पहले ही बैठक की जा चुकी है। सोमवार को हरियाणा के अधिकारियों के साथ बैठक की गई।
इससे पूर्व इपका प्रमुख डॉ. भूरेलाल की ओर से सोनीपत और पानीपत के औद्योगिक क्षेत्रों का दौरा किया गया था। इन औद्योगिक क्षेत्रों में जगह-जगह कचरा बिखरा मिला था। प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा सप्ताह भर में होगी। वहीं, बुधवार को उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ इपका की बैठक होगी।