गोल-मटोल बच्चे भला किसे अच्छे नहीं लगते। हालांकि, माता-पिता का बच्चे के बढ़ते वजन को हल्के में लेना घातक साबित हो सकता है। किशोरावस्था में पहुंचते-पहुंचते उसके घुटनों या कूल्हों का प्रतिरोपण कराने तक की नौबत आ सकती है। ब्रिटेन स्थित रॉयल सोसायटी ऑफ पब्लिक हेल्थ ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) से प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर यह चेतावनी जारी की है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक ब्रिटेन में अत्यधिक वजन के चलते 15 साल तक के बच्चों की ‘हिप और नी रिप्लेसमेंट सर्जरी’ करनी पड़ रही है। हार्ट बाइपास सर्जरी से गुजरने वाले 25 साल से कम उम्र के मरीजों की संख्या में भी मोटापे के कारण रिकॉर्ड इजाफा हो रहा है। मुख्य शोधकर्ता डंकन स्टीफेंसन की मानें तो मोटापे से जुड़ी सर्जरी साल दर साल बढ़ रही है। युवा मरीजों को भी उन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जो अमूमन वृद्धावस्था में देखने को मिलती हैं। इनमें घुटने और कूल्हे की हड्डी घिसने से लेकर हृदय में खून का प्रवाह करने वाली धमनियों का जाम होना शामिल हैं।
भारतीय बच्चों में बढ़ता खतरा
-केंद्र सरकार की ओर से अक्तूबर 2019 में जारी राष्ट्रीय पोषण सर्वे से 5 से 19 साल के पांच फीसदी बच्चों-किशोरों के मोटापे के शिकार होने की बात सामने आई थी। पांच से नौ साल की उम्र का हर दस में से एक बच्चा जहां टाइप-2 डायबिटीज की कगार पर मिला था। वहीं, एक फीसदी के इस बीमारी की जद में आने की पुष्टि हुई थी। चार फीसदी बच्चों में उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या दर्ज की गई थी।
हल्के में न लें-
-रॉयल सोसायटी ऑफ पब्लिक हेल्थ ने एनएचएस डाटा के विश्लेषण के बाद चेताया
-हार्ट बाइपास सर्जरी से गुजरने वाले 25 साल से कम उम्र के मरीजों में भी वृद्धि हुई
डराते आंकड़े-
– मोटापे के चलते 22 साल के एक युवक की बाइपास सर्जरी करने पड़ी।
-03 युवा मरीजों के हृदय में खून का प्रवाह बढ़ाने वाली स्टेंट डालनी पड़ी
-बीते पांच वर्षों में 30 साल से कम उम्र के 30 मरीजों के घुटनों का प्रतिरोपण हुआ
– इस अवधि में 25 वर्ष से कम आयु के 31 लोगों की ‘हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी’की गई
रोकथाम के उपाय तेज-
-ब्रिटेन में रात नौ बजे से पहले टीवी पर ज्यादा मात्रा में चीनी, नमक और फैट से लैस खाद्य वस्तुओं के विज्ञापन दिखाने पर रोक लगाने की तैयारी
-सेहत के लिए हानिकारक खाद्य सामग्री पर ‘एक के साथ एक मुफ्त’ ऑफर देना संभव नहीं होगा, होटल-रेस्तरां मेन्यू में कैलोरी गिनाना अनिवार्य रहेगा
-शराब की बोतलों और कैन पर भी कैलोरी की मात्रा दर्शाना जरूरी होगा, स्कूल-कॉलेज की कैंटीन में फास्टफूड की बिक्री पर रोक लगाने की भी योजना