सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयकों (अब कानून) का जमकर विरोध हो रहा है। ऐसे में किसान समूहों और राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा रविवार को हस्ताक्षर किए गए तीन क बिलों के खिलाफ विरोध जारी है। किसान बिल को लेकर शिरोमणि अकाली दल की ओर से लगातार केंद्र से नाराजगी जताई जा रही थी। वहीं, शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता सुखबीर सिंह ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में यह स्पष्ट कर दिया है कि अब उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा नहीं है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह पार्टी के कई सदस्यों की ओर से निर्णय लिया गया है। अब यह औपचारिक हो चुका है कि गठबंधन टूट चुका है।
बीते कुछ दिनों से इस कानून को लेकर देशभर में जगह जगह प्रदर्शन जारी हैं। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने अमृतसर में रेलवे ट्रैक पर बैठकर रेल रोको आंदोलन शुरू किया। इनका ये आंदोलन किसान बिलों के खिलाफ था जो 24 से 26 तारीख तक चला।
ईडिया गेट पर ट्रैक्टर में लगाई आग
पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में इंडिया गेट के पास खेत कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और एक ट्रैक्टर को भी आग लगा दी गई।
कर्नाटक: हुबली में प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठे
कर्नाटक में आज राज्यव्यापी बंद के बीच एक बस को रोकने के लिए, हुबली में प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए। कृषि बिल (अब कानून), भूमि सुधार अध्यादेश, कृषि उपज मंडी समिति में संशोधन और श्रम कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है।