मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डुसिब) की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में डुसिब शेल्टर होम की स्थिति में सुधार लाने और इन शेल्टर होम्स में रहने वाले लोगों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में, डुसिब ने डुसिब आश्रयों में रहने वाले बेघर लोगों को एक दिन में तीन बार मुफ्त भोजन प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिसका वार्षिक खर्च 15.31 करोड़ रुपए है।
बोर्ड ने प्रिंसेज पार्क में निवास करने वाले 784 लोगों को राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय और स्मारक के निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा भूमि के उपयोग की सुविधा प्रदान करने का भी निर्णय लिया है। इन परिवारों को 1-1.5 वर्षों के लिए ट्रांजिट शिविरों में पुनर्वासित किया जाएगा, जो सेक्टर 16बी द्वारका में स्थित हैं। करोल बाग में झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लगभग 350 परिवारों को भी ट्रांजिट शिविरों में पुनर्वासित किया जाएगा। पुनर्वासित लोगों को देव नगर, करोल बाग क्षेत्र में बनने वाले फ्लैटों में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
साल के अंत तक मिलेगा तीन टाइम खाना
डुसिब मार्च से डुसिब शेल्टर्स में रहने वाले बेघर लोगों को एक दिन में तीन बार मुफ्त भोजन उपलब्ध करा रहा है, जबसे कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन शुरू हुआ था। यह बेघर लोगों के लिए एक बड़ी राहत है और यह इस साल के अंत तक और सर्दियों के मौसम के अंत तक जारी रहेगा। डुसिब शेल्टर्स में नाश्ता, दोपहर और रात के भोजन की व्यवस्था करने का वार्षिक खर्च 15.31 करोड़ रुपए है।
1985 हाउसिंग रजिस्ट्रेशन स्कीम के आवंटियों, जिन्हें 2018 में डुसिब द्वारा पुनर्जीवित किया गया था, उनको भी मार्च 2021 तक अपने बकाया राशि को बिना किसी अतिरिक्त बोझ के सिर्फ 5 प्रतिशत मामूली ब्याज देकर खाली करने के लिए बड़ी राहत प्रदान की गई है। दिल्ली सरकार ने यह फैसला कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों को हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए लिया है।