मध्य प्रदेश के इंदौर के भंवरकुआं क्षेत्र में दुष्कर्म के इरादे से सात साल की बच्ची को खंडहर में ले गए आरोपी ने निर्ममता की सभी हदें लांघ दी।
आरोपी ने 10 मिनट तक बच्ची को इधर-उधर घुमाया, फिर बिस्किट और चॉकलेट का लालच देकर सूने खंडहर में ले गया। वहां उसके इरादे ठीक नहीं दिखे तो बच्ची चीखी और कही कि मम्मी को सब बोल दूंगी। उसका इतना कहना था कि आरोपी ने उसे सिर के बल पटका फिर पास में सीमेंट लगी ईंट उसके सिर पर दे मारी। इससे बच्ची की कनपटी में मल्टीपल फ्रैक्चर हो गए। दो-तीन वार और किए व फिर उस पर चारा पटककर भाग गया। गंभीर घायल बच्ची ने गुरुवार तड़के तीन बजे अस्पताल में दम तोड़ दिया।
सीएसपी दिशेष अग्रवाल के अनुसार रात 2 बजे तक उसकी हालत स्थिर थी, लेकिन लगातार खून बह रहा था। उसे 4 यूनिट खून चढ़ाया गया। अचानक उसे झटके आए फिर उसकी सांसें चली गईं। डॉक्टर ने सीने पर प्रेस किया तो दो बार सांस लौटी। ईसीजी भी ठीक हुई, पर तीसरी बार में वह नहीं बची।
भंवरकुआं टीआई इंद्रेश त्रिपाठी के अनुसार, बच्ची के लापता होने के बाद जब उसके पिता के ममेरे भाई (चाचा) को गिरफ्तार किया तो वह बोला कि मैंने कुछ नहीं किया है। चाहो तो मेरे कपड़े देख लो। ऐसा इसलिए बोला, क्योंकि वह कपड़े बदल चुका था। उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाए तो रोने लगा। फिर बोला कि उससे गलती हो गई और माफी मांगने लगा। उसने बताया कि बुधवार शाम घर से ही सोचकर गया था कि बच्ची से गलत काम करूंगा। पहले घर के आसपास घूमता रहा। वह दूसरी मंजिल पर रहने वाली बच्ची को इशारा करके नीचे बुलाया। फिर उसे बिस्किट व चॉकलेट दिलाई। अंधेरा देख खंडहर की तरफ ले गया।
टीआई ने बताया कि बच्ची के घर से 300 मीटर दूरी खाली मैदान में एक टूटा-फूटा मकान है। वहां जाने के रास्ते पर घुटने-घुटने पानी भरा हुआ है। बच्ची को तलाशते हुए वहां पहुंचे तो पहले कुछ युवकों को भेजा। टार्च लेकर पहुंचे युवक चिल्लाए यहीं है, यहीं है बच्ची। वहां जाकर देखा तो वह खून से सनी थी। बच्ची की मां कहना है कि मेरी परी की जान ले ली उसने, हैवान है वह हैवान। ऐसी कई परियां शहर में थीं, जिनके हत्यारे जेल में हैं। सबको फांसी पर टांग देना चाहिए। सबको इंसाफ मिलना चाहिए।