साल 1987 में भरूच में पत्नी को जिंदा जलाकर मार देने का आरोपी साल 1990 में जमानत पर रिहा होने के बाद फरार हो गया था।
उसे अब करीब 30 साल बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। दाहोद की फर्लो स्क्वॉड ने दाहोद के पास कुनेह गांव से आरोपी रामसिंह धनजी डामोर (59) को गिरफ्तार किया है। रामसिंह अपनी पहचान छिपाकर गांव में 18 सालों से रह रहा था। इन 30 सालों की फरारी के दौरान रामसिंह ने दो शादियां भी की।
दाहोद जिले के अणिका गांव के रहने वाले रामसिंह सीआरपीएफ में जवान था। साल 1987 के दौरान उसकी पोस्टिंग वडोदरा में थी। रामसिंह कुछ दिन की छुट्टी पर घर आया था। इसी दौरान उसे पत्नी के चरित्र पर शक हुआ और उसने पत्नी पर केरोसिन छिड़ककर उसे जिंदा जला दिया था। इस दौरान पत्नी गर्भवती थी। इस मामले की सुनवाई छह महीने में ही पूरी हो गई थी।
कोर्ट ने रामसिंह को आजीवन कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद रामसिंह करीब तीन सालों तक जेल में रहा। साल 1990 में वह 30 दिन की जमानत पर बाहर आया और फरार हो गया था। रामसिंह अपना नाम बदलकर उमरगाम तहसील के सोलसुंबा गांव में रहने लगा था।
1993 में यहीं एक युवती से उसने शादी कर ली थी, जिससे तीन संतानें हुईं। हालांकि, 2014 में पत्नी का निधन हो गया था और 2017 में रामसिंह ने धरमपुर की एक युवती से दूसरी शादी कर ली थी। गोधरा रेंज के एसपी हितेश जोयसर को सूचना मिली की रामसिंह नाम बदलकर कुनेह गांव में रहा रहा है। इसके बाद फर्लो पीएसआई एमआई सिसोदिया की टीम ने रामसिंह को धर दबोचा।