नाइजीरियाई-अमेरिकी बास्केटबॉल खिलाड़ी माइकल ओजो कोरोना पॉजीटिव पाए गए थे। लेकिन बाद में रिकवर हो गए थे लेकिन इसके बाद ट्रेनिंग के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई। ओजो 27 साल के थे और उन्हें पहले कोई दिल की बीमारी नहीं थी। ऐसे उदाहरणों से ये सवाल उठता है कि क्या कोरोना व्यक्ति के दिल को प्रभावित करता है? इस मामले पर प्रकाश डालते हुए अमेरिकन कार्डियोलॉजिस्ट एरिक टोपोल ने एक पेपल लिखा जिसमें दावा किया गया कि कार्डियक जटिलताएं उन मामलों में भी हुई हैं। जहां कोरोना के लक्षण बहुत कम थे या बिल्कुल भी नहीं थे।
पेपर में लिखा है कि सबसे हालिया कोरोना वायरस तीव्र श्वसन सिंड्रोम कोरोना वायरस 2 (SARS-CoV-2), ने हृदय के लिए ट्रोपिज्म को चिह्नित किया है और इससे मायोकार्डिटिस (हृदय की सूजन) देखी गई जिससे दिल का दौरा पड़ता है। इस तरह ही दिक्कतें कोरोना वायरस के उन मरीजों को भी होती हैं। जिनमें कम लक्षण होते हैं या बिल्कुल भी लक्षण नहीं होते हैं। हाल की खोज में नौजवान एथलीट्स की में दिल से सबंधित रोग बताए है जिसमें अचानक मौत ने हमारे ज्ञान की वर्तमान सीमाओं और संभावित रूप से कोविड-19 के जोखिम को अभिव्यक्त करते हुए चिंता बढ़ाई है। पेपर में बताया गया है कि कोरोना के वो मरीज जो बिना लक्षणों के बीमारी का सामना कर रहे थे ।उन लोगों का पर्याप्त अनुपात भी इसमें मौजूद है।