पूर्व सांसद अतीक अहमद का मकान, कार्यालय और कॉम्पलेक्स ढहाने के बाद अब प्रशासन उसे तोड़ने का खर्च भी वसूलेगा।
इसमें जेसीबी का किराया, मजदूरों की दिहाड़ी के साथ ही अधिकारियों और पुलिस फोर्स का खर्च भी अतीक से वसूला जाएगा। इसके लिए विकास प्राधिकरण, प्रशासन और पुलिस के अधिकारी अपने विभागों का खर्च का हिसाब तैयार कर रहे हैं। करीब 25 लाख रुपये खर्च आने का अनुमान लगाया गया है। अदायगी न होने पर अतीक के खिलाफ आरसी जारी की जाएगी।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण अब तक अतीक के मकान, कार्यालय समेत दस भवनों का ध्वस्तीकरण कर चुका है। इस कार्रवाई में पुलिस और जिला प्रशासन भी शामिल रहा है। पीडीए की कार्रवाई में आधा दर्जन अधिकारी, प्रवर्तन दल की पूरी टीम के साथ पचास की संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं। प्रत्येक कार्रवाई में चार से छह जेसीबी का इस्तेमाल किया जाता है। अतीक का मकान और कार्यालय खाली कराने में 70 से ज्यादा मजदूर लगाए गए थे। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक का एक-एक दिन का वेतन भी अतीक से लिया जाएगा। कार्रवाई में पीडीए की जेसीबी के साथ किराए के जेसीबी भी लगाए गए थे। पुलिस के साथ ही पीएसी की एक कंपनी भी मकान के ध्वस्तीकरण में लगाई गई थी। इस सभी का खर्च अब अतीक से वसूले जाने की तैयारी चल रही है। सूत्रों की मानें तो अतीक के खिलाफ हुई कार्रवाई में हुए खर्च का हिसाब एक सप्ताह में तैयार कर लिया जाएगा।
अतीक अहमद और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ के खिलाफ मंगलवार को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की थी। चकिया स्थित अतीक अहमद के पुश्तैनी मकान को पोकलैंड और जेसीबी लगाकर गिरवा दिया गया था। तकरीबन 5:30 घंटे में उनका किले जैसा मकीन जमींदोज कर दिया गया था। इस दौरान फोर्स की इतनी संख्या थी कि किसी ने भी विरोध करने की हिम्मत नहीं हुई थी। प्राधिकरण के सचिव दयानंद प्रसाद के मुताबिक लगभग 4 बीघे में जमीन कब्जा कर अवैध निर्माण कराया गया था। इसकी जांच के बाद कार्रवाई की गई। मंगलवार को दिन 11 बजे विकास प्राधिकरण, प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी पीएसी, आरएएफ और फायर ब्रिगेड के साथ चकिया पहुंचे। पहले अतीक के घर के चारों तरफ घेराबंदी की गई। इसके बाद पोकलैंड और सात जेसीबी के साथ पुलिस ने अवैध निर्माण ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू हुई। इस दौरान अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता बेगम और उसके तीन बेटे अपने वकील व मजदूरों के साथ घर से सामान बाहर कराने में लगे रहे। एक तरफ कमरे से सामान निकाला जा रहा था तो दूसरी ओर जेसीबी उस हिस्से को ध्वस्त कर रही थी। देखते ही देखते कुछ घंटों में अतीक के किले जैसे मकान को ध्वस्त कर दिया गया।