दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हनी ट्रैप या वसूली के मामले में सभी थानों से रिपोर्ट मंगाने और कार्रवाई के लिए स्थायी आदेश जारी करने को कहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रलोभन स्वीकार करने को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता। धन उगाही के लिए प्रलोभन को भी सहन नहीं किया जा सकता।
जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने कहा कि यदि दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लगता है कि 2020 में राजधानी दिल्ली में प्रलोभन के जरिये वसूली की घटनाएं हुई हैं तो उन्हें सभी संबंधित थानों को स्थायी आदेश जारी करना चाहिए कि ऐसे व्यक्तियों या कथित आरोपी को परेशान किए बिना कानून के तहत कदम उठाया जा सकता है।
हाईकोर्ट ने मामले में आरोपी एक कारोबारी की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर करते हुए यह निर्देश दिया। कारोबारी ने दावा किया कि सोची-समझी रणनीति के तहत उसे फंसाया गया।
जस्टिस कैत ने कहा कि मैंने मौजूदा याचिका के साथ अटैच गई तस्वीरों और चैट के विवरण पर गौर किया है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि शिकायतकर्ता (महिला) की तरफ से प्रलोभन दिया गया और याचिकाकर्ता (व्यक्ति) उस जाल में फंस गया। हालांकि, मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी किए बिना मेरी राय है कि याचिकाकर्ता इस अदालत से संरक्षण पाने का हकदार है।
हाईकोर्ट ने संबंधित पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि गिरफ्तारी की स्थिति में व्यक्ति को 25,000 रुपये की जमानत राशि पर रिहा करना होगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जांच में सहयोग करने और महिला एवं अभियोजन के गवाहों से किसी भी तरीके से संपर्क नहीं करने या प्रभावित नहीं करने को कहा। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा पेश हुए।
हाईकोर्ट इस मामले में अब 17 नवंबर को सुनवाई करेगी। अदालत ने आदेश की एक कॉपी दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भेजने को कहा। अभियोजन के मुताबिक, महिला और व्यक्ति 24 अगस्त तक एक दूसरे को नहीं जानते थे। महिला नौकरी की तलाश में थी। उसे व्यक्ति का मोबाइल नंबर मिला और उसने मैसेज भेजे।
आरोप लगाया गया कि व्यक्ति ने जवाब में मैसेज किया कि वह एक हॉट पर्सनल असिस्टेंट की तलाश कर रहा है और मुलाकात का समय निर्धारित किया गया। महिला ने अपना पता उस व्यक्ति को भेज दिया और वह व्यक्ति शराब के साथ वहां पहुंचा। आरोप है कि शराब पीने के बाद व्यक्ति ने महिला से कथित तौर पर दुष्कर्म किया और महिला ने मदद के लिए पड़ोसी को आवाज दी। जब पड़ोस की महिला पहुंची तो उसने देखा कि महिला के घर से व्यक्ति भाग रहा था। फिर पुलिस को मामले की सूचना दी गई।
पाहवा ने कहा कि महिला को ऑनलाइन जॉब पोर्टल से व्यक्ति का नंबर मिला था और उसने नौकरी के लिए पूछा। व्यक्ति ने जब सकारात्मक जवाब दिया तो उसने व्यक्ति को कई तस्वीरें भेजीं। घटनाक्रम में बाद में महिला ने व्यक्ति को घर पर बुलाया और पांच लाख रुपये की मांग की। यह मांग पूरी नहीं होने पर उसने एक काल्पनिक मामला गढ़ कर पुलिस में मामला दर्ज कराया।