भारत-चीन के बीच लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अप्रैल महीने से तनावपूर्ण हालात हैं। दोनों देशों के सैनिक कई बार आमने-सामने आ चुके हैं।
हाल ही में हुई दोनों पक्षों के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई, जिसके बाद संयुक्त बयान जारी किया गया। अब विदेश मंत्रालय ने बताया है कि दोनों देश बातचीत को जारी रखेंगे। मंत्रालय ने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को जटिल बताया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ”दोनों पक्ष सैनिकों को पीछे हटाने के लिए बातचीत जारी रखेंगे और यथास्थिति में बदलाव के किसी भी एकतरफा प्रयास से परहेज करेंगे।” उन्होंने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सैनिकों का पीछे हटना एक जटिल प्रक्रिया है और इसमें आपस में सहमत पारस्परिक कदम उठाने की जरूरत होती है।
लद्दाख गतिरोध पर विदेश मंत्रालय ने बताया कि चीन-भारत की सैन्य वार्ता के छठे दौर में वरिष्ठ कमांडरों को स्थिति को स्थिरता देने के लिए विचारों के स्पष्ट आदान-प्रदान का अवसर मिला है। कोर कमांडर स्तर की वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के लिए दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता जाहिर होती है। श्रीवास्तव ने आगे कहा कि भारत-चीन सीमा मामलों पर विचार-विमर्श और समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र की अगली बैठक जल्द होने की संभावना है।
अधिक सैनिकों की तैनाती नहीं करने पर सहमत हुए थे दोनों पक्ष
भारत-चीन के बीच 21 सितंबर को कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी। इसके बाद, दोनों देशों ने संयुक्त बयान जारी करके बताया था कि दोनों देश लद्दाख में एलएसी पर और अधिक सैनिकों की तैनाती नहीं करेंगे। संयुक्त बयान में आगे कहा गया, ”भारत और चीन की सेनाएं आपस में संपर्क मजबूत करने और गलतफहमी तथा गलत निर्णय से बचने पर सहमत हुईं हैं। इसके अलावा, दोनों पक्ष अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिक न भेजने, जमीनी स्थिति को एकतरफा ढंग से न बदलने पर सहमत हुए हैं।” बयान में आगे कहा गया कि भारतीय और चीनी सेना ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने के लिए सहमत हैं जो स्थिति को जटिल बना सकती हैं।
चीन ने भारत से पैंगोंग की चोटियों से हटने को कहा
भारत और चीन के बची बातचीत के दौरान चीन ने भारत से उस चोटियों से हटने को कहा था, जिस पर भारतीय सैनिकों का कब्जा है। दरअसल, 29-30 अगस्त की रात में पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर स्थित चोटियों पर भारतीय सैनिकों ने कब्जा जमा लिया था। इसको लेकर चीन ने बैठक में कहा कि भारत को अपने सैनिकों को वहां से वापस हटाना चाहिए।