राजधानी दिल्ली में एक बार फिर बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सभी लोगों से सतर्क रहने और सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाकर काफी हद तक इस बीमारी से बचा जा सकता है।
जैन ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में अभी 15804 बेड उपलब्ध हैं जिसमें से सिर्फ 7051 बेड भरे हैं, जो कि 50% से भी कम हैं। हालांकि, हम समस्या का सामना कर रहे हैं, क्योंकि विशेष रूप से कुछ निजी अस्पतालों में आईसीयू में बेड की कमी है, क्योंकि दिल्ली के बाहर के लोग इलाज के लिए यहां के विशिष्ट अस्पतालों को प्राथमिकता देते हैं।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 3816 नए केस आए। रोज की पॉजिटिविटी दर अब 6.47 है। 7 दिन की औसत 7% पर आ गई है जबकि ये 8.5% से 9% के बीच थी। ओवरऑल पॉजिटिविटी दर जनवरी से लेकर अब तक 9.5% पर आ चुकी है, पहले 12 या 13% थी। जो केस अचानक से बढ़ना शुरू हुए थे वो अब कम हो गए हैं।
बता दें कि राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण के तेजी से फैलने का सिलसिला लगातार जारी है। यहां एक्टिव केस से लेकर कंटेनमेंट जोन तक सभी में एक बार फिर से वृद्धि देखी जा रही है। दिल्ली में अब तक कोरोना के संक्रमितों की कुल संख्या 2 लाख 53 हजार के पार पहुंच गई है। वहीं मृतकों संख्या भी बढ़कर 5,051 हो गई। इसके साथ ही एक्टिव केस भी बढ़कर करीब 32 हजार के करीब पहुंच गए हैं।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटे में जहां कोरोना के 3,816 नए मरीज मिले हैं, वहीं, 37 मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या 2,53,075 हो गई है। कल दिल्ली में 3097 मरीज पूरी तरह ठीक होकर अपने घर चले गए।
राजधानी में कल कोरोना वायरस संक्रमण के एक्टिव मामले भी बढ़कर 31,623 हो गए हैं। वहीं, अब तक कुल 2,16,401 मरीज इस महामारी को मात देकर पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही अब तक मरने वालों की संख्या 5051 हो गई है।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली में कुल 59,013 टेस्ट किए गए हैं। इनमें से 9,459 आरटीपीआर/ सीबीएनएएटी / ट्रूनैट टेस्ट और 49,554 रैपिड एंटीजन टेस्ट किए गए। दिल्ली में अब तक कुल 2,63,7753 जांचें हुई हैं और प्रति 10 लाख लोगों पर 1,38,829 टेस्ट किए गए हैं। इसके साथ ही राजधानी में कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़कर 1937 हो गई है।