कोरोना काल में हजारों बेरोजगार भी ठगी का शिकार हुए हैं। पिछले छह महीने के दौरान दिल्ली पुलिस ने ही ऐसे पांच बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिन्होंने कहीं भी नौकरी पाने की जद्दोजहद में जुटे युवाओं को निशाना बनाया।
अपराधियों ने सरकारी विभाग से मिलती-जुलती वेबसाइट को ठगी का जरिया बनाया। ऐसी साइट पर नौकरी का विज्ञापन देकर आवेदन शुल्क, पंजीकरण, ट्रेनिंग जैसी जरूरतों के लिए रकम ऐंठी गई और मोटी रकम हाथ लगने के बाद साइट का लिंक हटाकर गायब हो गए। विदेशों में नौकरी दिलाने के मामले भी पिछले छह माह में बढ़े हैं। समाचार पत्र और सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापनों के झांसे में आकर भी बेरोजगारों ने गाढ़ी कमाई लुटा दी।
पुलिस चला रही अभियान
पुलिस ने वेबसाइट, सोशल साइट और विभिन्न प्लेटफार्म पर ग्रुप व पेज बनाकर लोगों को नौकरी दिलाने के लिए झांसे में लेने वालों ऐसे गिरोह के खिलाफ अभियान चला रखा है। सभी जिलों की साइबर सेल यूनिट को ऐसे फर्जी यूआरएल की पहचान करने को कहा गया है। साइबर सेल की विशेष यूनिट साईपैड को भी ऐसे संदिग्ध यूआरएल को तत्काल बंद कर तकनीकी जांच के जरिये जालसाजों को दबोचने के आदेश दिए गए।
दिल्ली में हालिया घटनाएं:
01 जून- दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने दो फर्जी वेबसाइट बनाकर 15 हजार युवकों को नौकरी देने के नाम पर ठग रहे तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
10 जुलाई- कृष्णा नगर में कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी। आरोपी ने ईमेल पर जॉब ऑफर भेज कर ठगी की, केस दर्ज हुआ।
05 सितम्बर- दिल्ली पुलिस में नौकरी दिलाने के नाम पर 20 लोगों से ठगी में गिरफ्तारी, शालीमार बाग पुलिस ने दर्ज किया।
19 अगस्त- एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का गिरोह पकड़ा। सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर 1500 लोगों को ठगा।
12 सितम्बर- सार्वजनिक स्थानों पर नौकरी का विज्ञापन चिपका कर ठगी के गिरोह की मास्टरमांइड महिला पकड़ी गई, 30 गरीब युवकों से ठगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने फर्जी वेबसाइट पर हजारों युवकों से नौकरी के नाम पर ठगी का एक बड़ा मामला हाल ही में सामने आया। पुलिस ने जांच की तो कई राज्यों में फैले गिरोह का खुलासा हुआ। पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जांच के साथ सतर्कता जरूरी है।- अन्येश राय, डीसीपी साइबर सेल (स्पेशल सेल)
लॉकडाउन के बाद से नौकरी के नाम पर युवाओं से ठगी बढ़ी है। नौकरी के आवेदक युवा संबंधित कंपनी में जाकर ही बात करें और किसी के भी फोन पर कोई पैसा न भेजें। ऐसा कोई फोन आता है तो वह तत्काल सूचना पुलिस को दें, ताकि ऐसे ठगों पर शिकंजा कसा जा सके।- रणविजय सिंह, एडीसीपी नोएडा