कोरोना संकट के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा राजधानी के निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड्स कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित करने के आदेश पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है।
जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट ने मंगलवार को AAP सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें 33 बड़े निजी अस्पतालों को निर्देश दिया गया था कि वे COVID-19 मरीजों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करें। कोर्ट ने कहा कि यह निर्णय मनमाना और अनुचित प्रतीत होता है। कोर्ट इस मामले में अब 16 अक्टूबर को आगे की सुनवाई करेगी।
जस्टिस नवीन चावला ने कहा कि प्रथमदृष्टया दिल्ली सरकार का 13 सितंबर का आदेश संविधान के तहत गारंटिड “नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन, मनमाना और अनुचित” है। कोर्ट ने COVID-19 मरीजों के लिए 80 फीसदी ICU बेड आरक्षित करने के आदेश को रद्द करने के लिए ‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स’ की याचिका पर दिल्ली सरकार और केंद्र से जवाब मांगा है।
बता दें कि, दिल्ली में एक बार फिर तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के बीच बीते दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को अस्पतालों में आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़ाने और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसके लिए उन्होंने सभी निजी अस्पतालों में 80% आईसीयू बेड्स कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित करने का निर्देश दिया था।
मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, मुख्य सचिव विजय देव, वरिष्ठ अधिकारी और दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक मौजूद थे।