राज्य सभा में कृषि से संबंधित विधेयकों के भविष्य पर फैसला होने और अपने कार्यकर्ताओं से परामर्श करने के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) इस बारे में विचार करेगा कि वह भाजपा नीत राजग गठबंधन में शामिल रहेगा या नहीं। पार्टी सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ये विधेयक बृहस्पतिवार को लोकसभा में पारित किये गये और जल्द ही इन्हें राज्य सभा में भी पेश किये जाने की संभावना है। इन विधेयकों के विरोध में शिअद नेता हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस वक्त पार्टी की प्राथमिकता किसानों के हितों की रक्षा करना है, ना कि गठबंधन के विषय पर विचार करना। पार्टी के कोर समूह ने यहां आगे की रणनीति एवं कदमों पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार दोपहर बैठक की, जिसमें कई नेता वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पंजाब से भी जुडे़। यह पूछे जाने पर कि क्या शिअद राजग से बाहर हो जाएगा, हरसिमरत ने कहा कि इस बारे में पार्टी को निर्णय करना है और सभी वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर कोई सामूहिक निर्णय लेंगे।
राज्यसभा सदस्य नरेश गुजराल ने कहा, ”विवाह में भी खींचतान होती है… हर राजनीतिक दल को अपने हितों की रक्षा करनी है। यह पूछे जाने पर कि क्या शिअद, राजग में बना रहेगा, गुजराल ने कहा, ”अकाली दल इस तथ्य से अवगत है कि आज हमारी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पीएलए (चीनी सेना) के सामने खड़ी है। पाकिस्तान, पंजाब में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पार्टी ऐसा कोई फैसला नहीं करेगी जो सीमावर्ती राज्य पंजाब में माहौल खराब करे। पार्टी के नेता प्रेम सिंह चंदुमाजरा ने कहा कि शिअद के लिये अभी गठबंधन का मुद्दा प्राथमिकता नहीं है क्योंकि पंजाब में विधानसभा चुनाव में काफी देर है। वहीं, शिअद सूत्रों ने कहा कि पार्टी राजग में बने रहने के बारे में कोई अंतिम फैसला करने से पहले राज्य सभा में इन विधेयकों के भविष्य पर निर्णय को देखेगी। गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों के किसान इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं।