सुशांत सिंह राजपूत केस के बाद ड्रग्स मामले को लेकर बॉलीवुड की हो रही है आलोचना
राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने मंगलार को संसद में इशारों-इशारों में अभिनेता और सांसद रवि किशन और कंगना रनौत पर जमकर निशाना साधा था और कहा था कि ये लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं। जया बच्चन के राज्यसभा में दिए गए बयान से शिवसेना गदगद नजर आ रही है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में जया बच्चन की तारीफ की है और कहा है कि वह अपने बेबाकी और सच बोलने के लिए प्रसिद्ध हैं। जया बच्चन ने कहा था कि जिन लोगों ने सिनेमा जगत से नाम-पैसा सब कुछ कमाया, वे अब इस क्षेत्र को गटर की उपमा दे रहे हैं। मैं इससे सहमत नहीं हूं।
बुधवार को शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, ‘हिंदुस्थान (हिन्दुस्तान) का सिनेजगत पवित्र गंगा की तरह निर्मल है, ऐसा दावा कोई नहीं करेगा। मगर जैसा कि कुछ टीनपाट कलाकार दावा करते हैं कि सिनेजगत ‘गटर’ है, ऐसा भी नहीं कहा जा सकता। जया बच्चन ने संसद में इसी पीड़ा को व्यक्त किया है। ‘जिन लोगों ने सिनेमा जगत से नाम-पैसा सब कुछ कमाया। वे अब इस क्षेत्र को गटर की उपमा दे रहे हैं। मैं इससे सहमत नहीं हूं।’ जया बच्चन के ये विचार जितने महत्वपूर्ण हैं, उतने ही बेबाक भी हैं। ये लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं। ऐसे लोगों पर जया बच्चन ने हमला किया है। जया बच्चन सच बोलने और अपनी बेबाकी के लिए प्रसिद्ध हैं।
‘हमेशा जया ने आवाज उठाई है’
सामना में आगे लिखा गया है, ‘जया बच्चन ने अपने राजनीतिक और सामाजिक विचारों को कभी छुपाकर नहीं रखा। महिलाओं पर अत्याचार के संदर्भ में उन्होंने संसद में बहुत भावुक होकर आवाज उठाई है। ऐसे वक्त जब सिनेजगत की बदनामी और धुलाई शुरू है, अक्सर तांडव करने वाले अच्छे-खासे पांडव भी जुबान बंद किए बैठे हुए हैं। मानो वे किसी अज्ञात आतंकवाद के साए में जी रहे हैं और कोई उन्हें उनके व्यवहार और बोलने के लिए पर्दे के पीछे से नियंत्रित कर रहा है। ऐसे में जया बच्चन की बिजली कड़कड़ाई है।’
बॉलीवुड को बदनाम किया जा रहा
शिवसेना ने आगे कहा, मनोरंजन जगत में जब ‘लाइट, कैमरा, एक्शन’ बंद है, लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दों से हटाने के लिए हमें (मतलब बॉलीवुड को) सोशल मीडिया पर बदनाम किया जा रहा है। ऐसा जया बच्चन ने कहा है। कुछ अभिनेता-अभिनेत्रियां ही पूरा बॉलीवुड नहीं है। लेकिन उनमें से कुछ लोग जो अनियंत्रित वक्तव्य दे रहे हैं, यह सब घृणास्पद है। सिनेजगत के छोटे-बड़े हर कलाकार या तकनीशियन मानो ‘ड्रग्स’ के जाल में अटके हुए हैं, 24 घंटे वे गांजा और चिलम पीते हुए दिन बिता रहे हैं, ऐसा बयान देनेवालों की ‘डोपिंग’ टेस्ट होनी चाहिए, क्योंकि इनमें से बहुतों के खाने के और तथा दिखाने के और दांत हैं।’
खुद गंदगी खाकर दूसरों के मुंह को गंदा बताने का काम चल रहा
आगे लिखा गया है, ‘ अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, धर्मेंद्र, जीतेंद्र, देव आनंद, पूरा कपूर खानदान, वैजयंती माला से लेकर हेमा मालिनी और माधुरी दीक्षित से लेकर ऐश्वर्या राय तक, एक से एक बढ़िया कलाकारों ने यहां योगदान दिया है। बॉक्स ऑफिस को हमेशा चलायमान रखने के लिए आमिर, शाहरुख और सलमान जैसे ‘खान’ लोगों की भी मदद हुई ही है। ये सारे लोग सिर्फ गटर में लेटते थे और ड्रग्स लेते थे, ऐसा दावा कोई कर रहा होगा तो ऐसी बकवास करनेवालों का मुंह पहले सूंघना चाहिए। खुद गंदगी खाकर दूसरों के मुंह को गंदा बताने का काम चल रहा है। इस विकृति पर ही जया बच्चन ने हमला किया है।’
नीरव मोदी, माल्या का क्यों लिया नाम
शिवसेना ने कहा कि हॉलीवुड के बराबर बॉलीवुड का नाम लिया जाता है। लेकिन उद्योग क्षेत्र में जैसे टाटा, बिरला, नारायणमूर्ति और अजीम प्रेमजी हैं, वैसे ही नीरव मोदी और माल्या भी हैं। सिनेजगत के बारे में भी ऐसा ही कहना होगा। सब के सब गए गुजरे हैं, ऐसा कहना सच्चे कलाकारों का अपमान साबित होता है। जया बच्चन ने इसी आवाज को उठाकर सिनेमाजगत की नींद तोड़ी है। इससे कितने लोगों का कंठ फूटेगा, देखते हैं।