कोविड-19(वैश्विक महामारी) के चलते दिल्ली की जेलों से अतिरिक्त कैदियों के बोझ को कम करने के लिए मई में हाई पावर समिति का गठन किया गया था। इस समिति को जेल मेंं बंद कैदियों के आचरण व अन्य दिशा-निर्देशों के तहत कैदियों को अंतरिम जमाानत देने की सिफारिश का काम सौंपा गया था। लेकिन मुश्किल यहां आई कि फरवरी महीने में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए साम्प्रदायिक दंगों के आरोपियों को अंतरिम जमानत देने को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय की तरफ से कोई आदेश नहीं दिया गया। अंतरिम जमानत का एक मामला सामने आने पर सत्र अदालत का ध्यान इस और गया। सत्र अदालत ने पूरे मामले का ब्यौरा देते हुए उच्च न्यायालय से पूछा है कि दंगे आरोपी इस विशेष प्रावधान के तहत अंतरिम जमानत पाने के हकदार हैं या नहीं।
कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की अदालत ने इस बाबत टिप्पणी करते हुए कहा कि यहां मुश्किल यह है कि जब किसी को एक आधार पर अंतरिम या अन्य तरह की जमानत दे दी जाती है तो अन्य आरोपी भी उसी को आधार बनाकर जमानत मांगने लगते हैं। अगर अदालत इस मामले में दसवीं के छात्र को परीक्षा के लिए अंतरिम जमानत दे देगी तो अन्य आरोपियों की तरफ से भी इस तरह के आधार बता अंतरिम जमानत की मांग की जाएगी। जबकि दिल्ली उच्च न्यायालय की तरफ से दिल्ली दंगों के आरोपियों को अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं इसको लेकर कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिया गया है। अदालत ने इस मामले में स्पष्टीकरण को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश की प्रति भेजी है।
दसवीं के छात्र ने कम्पार्टमेंट की परीक्षा के लिए मांगी थी अंतरिम जमानत
दंगों व हत्या के आरोप में पकड़े गए एक छात्र ने अदालत में याचिका दायर कर एक महीने की अंतरिम जमानत मांगी थी। आरोपी की तरफ से कहा गया था कि वह दसवीं की गणित व साइंस की परीक्षा में फेल हो गया है। उसकी साइंस की परीक्षा 23 सितंबर को होनी है। जबकि गणित की परीक्षा 25 सितंबर को आयोजित होनी है। परन्तु अदालत ने कहा कि अभी तक साम्प्रदायिक दंगे व हत्या के आरोपी की अंतरिम जमानत को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं आए हैं। इसलिए उसकी अंतरिम जमानत याचिका को खारिज किया जा रहा है।
जेल प्रशासन को कहा पढ़ने की दी सुविधा
वहीं, अदालत ने जेल प्रशासन को कहा है कि इस छात्र को जेल में अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त पुस्तक व अन्य सामग्री उपलब्ध कराएं। अदालत ने कहा कि हालांकि अभी उसकी परीक्षा में समय है। ऐसे में अन्य आदेश का इंतजार किया जाएगा या फिर अन्य विकल्प पर विचार होगा। लिहाजा उसकी परीक्षा की तैयारी में कोई हीला-हवाली नहीं होनी चाहिए।
चार हजार से ज्यादा कैदियों को मिल चुकी है जमानत
कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए दिल्ली की जेलों से अब तक चार हजार से ज्यादा कैदियों को अंतरिम जमानत मिल चुकी है। इतना ही नहीं वैश्विक महामारी के लगातार बढ़ने के कारण दिल्ली उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमाानत पर बाहर कैदियों को 31 अक्तूबर तक की राहत दी है। उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि समय-समय पर इन कैदियों की अंतरिम जमानत को बढ़ाया जाता रहे।