सुख-समृद्धि के लिए महिलाएं आज महालक्ष्मी अष्टमी का व्रत रखेंगीं। इस दिन मिट्टी के हाथी पर महालक्ष्मी को स्थापित करके पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि वेदव्यास ने महाभारत काल में इस व्रत के बारे में बताया था। सुख-समृद्धि में वृद्धि और राजसमृद्धि बनाए रखने के लिए यह व्रत किया जाता है। महालक्ष्मी व्रत के लिए बुधवार को महिलाओं ने खरीदारी की। इस दौरान महिलाओं ने मिट्टी का हाथी सहित सुहाग का सामान व पूजन की सामग्री विशेष रूप से खरीदी। ज्योतिषियों के मुताबिक महालक्ष्मी पूजन में सुहाग के 16 सामान का बहुत महत्व होता है। इससे माता लक्ष्मी का शृंगार किया जाता है।
प्रशासन ने जारी किए दिशा-निर्देश
हिमाचल प्रदेश में सभी शक्तिपीठों समेत सभी मंदिरों के कपाट आज खुल जाएंगे। इसके लिए सरकार और जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे और कोरोना के नियमों का पालन हो, इसको लेकर स्थानीय प्रशासन को दिशा निर्देश जारी किए हैं। 65 वर्ष से अधिक आयु अथवा बीमार लोग, गर्भवती महिला और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे धार्मिक क्षेत्र में नहीं जा पाएंगे। वहीं बाहरी राज्यों के आने वालों को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आना होगा। फोटो शिमला के जाखू मंदिर की है।
मध्यप्रदेश के सीहोर और शाजापुर जिले के बीच पार्वती नदी के रेलवे ब्रिज पर हर दिन लोग जान जोखिम में डालकर कभी पैदल तो कभी बाइक से निकलते हैं। ब्रिज से जब लोग निकल रहे हों और ऐसे में ट्रेन आ जाए तो इन लोगों की जान भी जा सकती है। ऐसे में रेलवे या प्रशासन भी इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। दरअसल पार्वती से सीहोर जिले में आने के लिए करीब 3 किलोमीटर दूर एक पुल से होकर रास्ता गुजरता है, लेकिन ग्रामीण यह 3 किलोमीटर का चक्कर बचाने के लिए रेलवे के इस ब्रिज पर अपनी जिंदगी दाव पर रखकर आवागमन करते हैं। इस ब्रिज से बाइक निकालना किसी स्टंट से कम नहीं है।