कोरोनाकाल में काम बंद होने का संकट अब सामने आने लगा है। राज्य सरकार ने बसों को चलाने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन सवारियां मिल ही नहीं रहीं। ऐसे में प्राइवेट बसों के ड्राइवर, कंडक्टर और कर्मचारियों ने बुधवार को प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह लोग 6 माह का गुजारा भत्ता दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ बस कर्मचारी एकता संगठन के बैनर तले प्राइवेट बस से जुड़े कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वह रायपुर बस स्टैंड पर एक दिवसीय धरना दे रहे हैं। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें छह माह का गुजारा भत्ता और नियमित वेतन दिया जाए। मांगे पूरी नहीं होने पर कर्मचारियों ने 14 सितंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।
संघ ने कहा- जैस हर संस्थान को सरकार ने गुजारा भत्ता दिया, वैसे हमें भी मिले
संघ का कहना है कि वेतन-भत्ते की मांग को लेकर कि एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। हम शासन के सामने मांग रख रहे हैं कि जिस तरह से हर संस्थान को जीवन यापन के लिए गुजारा भत्ता दिया गया है, वैसे हो बस कर्मचारियों को भी दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हमको शासन पर भरोसा है कि मांगों पर विचार करेगी।
मार्च से बंद थीं बस सेवाएं, अब शुरू हुईं तो सवारी ही नहीं
कोरोनावायरस के चलते मार्च से लगाए गए लॉकडाउन के बाद से बसों के पहिए थमे हुए थे। सरकार के आदेश के बाद से बस संचालकों ने बस सेवाएं शुरू की, लेकिन यात्रियों की कम संख्या होने के कारण ज्यादातर ने सेवाएं फिर से बंद कर दी हैं। जो बसें चल रहीं है, उनमें भी सवारियां नहीं मिल रही। गाइडलाइन के कारण खर्चा भी बढ़ गया है।