इसी वर्ष होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव समय के साथ-साथ बड़े-कड़े और रोचक मुकाबले की झलक दिखा रहा है। इन दिनों के सियासी सरगर्मी और ताजा फैसले से लग रहा है कि इस चुनाव में विपक्षी महागठबंधन पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरेगा।
महागठबंधन के अगुआ यहां नीतीश सरकार को बेदखल करने को व्यग्र दिख रहे हैं। लालू की अगुआई वाली राजद तो कबका इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ चुका है। अबतक के राजनीतिक उठा पटक इस बार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यहां मिलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को सत्ता से बेदखल करने में पूरा जोर लगाएंगे।
नवंबर में संभावित बिहार चुनावों के लिए जदयू-भाजपानीत एनडीए गठबंधन और यूपीए के महागठबंधन के बीच यहां सीधा मुकाबला है। इस चुनाव में झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झामुमो भी जोर-आजमाइश करेगी। यहां लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के साथ जेएमएम महागठबंधन के विपक्षी मोर्चा में शामिल होगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य कि माने तो पार्टी फिलहाल बिहार में 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की रणनीति पर काम कर रही है। विधानसभा के 243 सदस्यों का चुनाव करने के लिए बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2020 में होंगे।
2015 में चुने गए वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर 2020 को समाप्त होगा। इस बार चुनाव में जेडीयू के नेतृत्व वाले एनडीए और आरजेडी के नेतृत्व वाले यूपीए के बीच दिलचस्प लड़ाई होगी। झारखंड में भाजपा को हराकर सत्ता पर काबिज हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के हौसले बुलंद हैं। मोर्चा ने सोमवार को यहां बिहार विधानसभा चुनाव में 12 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा की। 2005 के विधानसभा चुनाव में झामुमो के प्रत्याशी ने चकाई विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी। जिन सीटों पर झामुमो की दावेदारी है, वे झारखंड की सीमा से सटे हैं।
हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में झामुमो का चुनाव चिह्न तीर-धनुष जदयू की आपत्ति को देखते हुए जब्त कर लिया गया था। संगठन ने चुनाव चिह्न की मान्यता के लिए निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा की बिहार राज्य कमेटी के पदाधिकारी बुधवार को चुनावी रणनीति के मद्देनजर कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन संग बैठक करने के लिए रांची आएंगे। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के मुताबिक बिहार में राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ मिलकर झामुमो चुनाव लड़ेगा। यह पूछे जाने पर कि बिहार में राजद 12 सीटें देने को कैसे तैयार होगा।
उन्होंने कहा कि हाल ही में झारखंड विधानसभा के चुनाव के दौरान राजद को सात सीटें दी गई थी। सिर्फ एक सीट पर राजद के प्रत्याशी विजयी रहे। उन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंत्रिमंडल में जगह दी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर तालमेल पर सहमति नहीं बनेगी तो झामुमो फैसला लेने को स्वतंत्र होगा। गठबंधन को लेकर फिलहाल अनौपचारिक बातचीत चल रही है। जल्द ही साथी दलों की औपचारिक बैठक होगी, जिसमें झामुमो का प्रतिनिधि शामिल होगा। दावा किया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शासन का मॉडल बिहार में लोकप्रिय है और इसका लाभ झामुमो समेत गठबंधन में शामिल तमाम दलों को मिलेगा।