प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना लॉकडाउन के बाद से लगातार देश को संबोधित कर रहे हैं। 30 जून को एकबार फिर उनका राष्ट्र के नाम संबोधन हुआ। पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान देश के 80 करोड़ लोगों को नवंबर महीने तक मुफ्त अनाज देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री कार्यलय ने कल देर रात पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की जानकारी दी थी।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर लोगों से संबोधन सुनने की अपील की थी। प्रधानमंत्री ने कहा आपके लिए भी प्रार्थना करता हूं, आपसे आग्रह भी करता हूं, आप सभी स्वस्थ रहिए, दो गज की दूरी का पालन करते रहिए, गमछा, फेस कवर, मास्क ये हमेशा उपयोग कीजिये, कोई लापरवाही मत बरतिए अब पूरे भारत के लिए एक राशन-कार्ड की व्यवस्था भी हो रही है। यानि एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड। इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा, जो रोज़गार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गाँव छोड़कर के कहीं और जाते हैं।
आज गरीब को, ज़रूरतमंद को, सरकार अगर मुफ्त अनाज दे पा रही है तो इसका श्रेय प्रमुख रूप से दो वर्गों को जाता है। पहला- हमारे देश के मेहनती किसान, हमारे अन्नदाता। दूसरा- हमारे देश के ईमानदार टैक्सपेयर। सरकार द्वारा इन पांच महीनों के लिए 80 करोड़ से ज्यादा भाई बहनों को 5 किलो गेहूं या 5 किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा, साथ ही हर परिवार को हर महीने 1 किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा। इस योजना के विस्तार में 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। 80 करोड़ लोगों को अब नवंबर तक मुफ्त अनाज दिया जाएगा।
इसका श्रेय देश के मेहनती किसान और ईमानदार करदाताओं को जाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए। हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान और उसके बाद मुख्य तौर पर एग्रीकल्चर सेक्टर में ही ज्यादा काम होता है। अन्य दूसरे सेक्टरों में थोड़ी सुस्ती रहती है। जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है। त्योहारों का ये समय, जरूरतें भी बढ़ाता है, खर्चे भी बढ़ाता है। इससे एक बात तो तय है, कि समस्या अभी खत्म होती नही दिख रही। अतः जगरूकता एक मात्र उपाय नजर आ रहा।