महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) सरकार में तकरार की खबरों के बीच अब कांग्रेस नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने वाले हैं। राहुल गांधी के बाद बालासाहेब थोराट ने भी कहा था कि सरकार के फैसलों में कांग्रेस की भूमिका नहीं है। महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा है। सरकार बने अभी छह महीने ही बीते हैं और तनाव के संकेत साफ नजर आ रहे हैं।
पहले राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के फैसलों में कांग्रेस की भूमिका नहीं है। इसके बाद बालासाहेब थोराट ने भी वही बात दोहराई। अब कांग्रेस के बड़े नेता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की तैयारी कर रहे हैं। गठबंधन की तीन सहयोगियों में से एक कांग्रेस निर्णय लेने की प्रक्रिया और अहम बैठकों में खुद को शामिल कराने का प्रयास कर रही है।
पार्टी के एक सूत्र ने शनिवार को बताया कि प्रदेश कांग्रेस के नेता इस मुद्दे के साथ ही कुछ अन्य मामलों पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अगले हफ्ते मुलाकात कर सकते हैं। कांग्रेस के एक नेता के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार से कोविड-19 वैश्विक महामारी और चक्रवात ‘निसर्ग’ से प्रभावित लोगों को राहत देने समेत अन्य कई मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे ऐसी भावना पैदा हो रही है कि प्रदेश कांग्रेस को अलग-थलग कर दिया गया है।
कांग्रेस के एक मंत्री ने कहा, ‘कुछ मुद्दों को लेकर पार्टी के अंदर नाराजगी है, जिस पर हम मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करना चाहते हैं और उन्हें सुलझाना चाहते हैं।’ पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि जब पिछले साल नवंबर में तीन दलों की सरकार बनी थी और मंत्रिपरिषद ने शपथ ली थी, उस वक्त यह फैसला हुआ था कि सत्ता और जिम्मेदारियों में बराबर साझेदारी होगी।पार्टी के सूत्र ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट और पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण अब सीएम ठाकरे से मुलाकात करने वाले हैं।
इस दौरान राज्यपाल कोटे से विधान परिषद नामांकन, राज्य सरकार के संचालित निगमों और बोर्ड में नियुक्ति और कांग्रेस मंत्रियों को आ रही समस्याओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने इस हफ्ते की शुरुआत में मुलाकात कर यह चर्चा की थी कि पार्टी नेताओं और मंत्रियों को गठबंधन सरकार में निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी मिलिंद नारवेकर भी कांग्रेस नेतृत्व के विचारों को जानने के लिए इस बैठक में मुख्यमंत्री के दूत के रूप में मौजूद थे।