गर मेरे हिस्से में धोखा आएगा
तू भी अपने को बचा कब पाएगा
अहमियत रह जाएगी क्या रिश्तों की
आँख का पानी अगर मर जाएगा
बाँटने से कम नहीं होगा कभी
बोझ दिल का और बढ़ता जाएगा
दौर बदला है सबक को याद रख
राह से रहबर तुझे भटकाएगा
Copyright © 2020 Janlokindiatimes.com | This is Owned By Janlok India Times