ठिठक कर या थक कर ठहर गए तब समझ लो पंहुच गए शिखर तक . एक कदम और बढ़ चले तब वही शिखर एक सीढ़ी है . वह शिखर है तुम बढ़ चलो तो वह तो सीढ़ी है . वह रुक गया और तुमने उसे शिखर समझ लिया . हर शिखर थकी हुई और रुकी हुई एक जंग लगी सीढ़ी के सिवा कुछ नहीं