कोरोना काल से लड़ाई जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने देश के हर नागरिक को देश का सिपाही बताया। रेडियो प्रोग्राम मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार दोपहर 11 बजे देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के संकट के बीच बहुत से लोगों ने सुझाव भेजा है। कोरोनावायरस से जनता लड़ाई लड़ रही है। देश का हर नागरिक इस लड़ाई का सिपाही और इस लड़ाई में नेतृत्वकर्ता है, तथा पूरा देश एक साथ चल रहा है, सभी लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि पूरे देश में महायज्ञ चल रहा है।
कोई गरीबों को खाना खिला रहा है, कोई जरूरतमंदों की मदद कर रहा है, और मुफ्त में सब्जियां दे रहा है, लोगों की इस भावना को नमन। प्रधानमंत्री जी ने बोला , “साथियो, भारत की कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई सही मायने में जन आधारित लड़ाई है। भारत में कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई जनता लड़ रही है, आप लड़ रहे हैं, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है। भारत जैसा विशाल देश ग़रीबी से निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। उसके पास कोरोना से लड़ने और जीतने का यही एक तरीका है और, हम भाग्यशाली हैं कि, आज, पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन, इस लड़ाई का सिपाही है। मुझे भरोसा है कि जब भविष्य में कोरोना लड़ाई की चर्चा होगी तो भारत की इस लड़ाई की चर्चा जरूरी होगी। पीएम मोदी ने कहा कि रमजान का महीना शुरू हो गया है। जब पिछली बार रमज़ान मनाया गया था, तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि इस बार रमज़ान में इतनी बड़ी मुसीबतों का भी सामना करना पड़ेगा।
इस रमज़ान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं। इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाये और हम पहले की तरह उमंग और उत्साह के साथ ईद मनायें। मुझे विश्वास है कि रमज़ान के इन दिनों में स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना के खिलाफ़ चल रही इस लड़ाई को हम और मज़बूत करेंगे। सड़कों पर, बाज़ारों में, मोहल्लों में, सोसल डिस्टनसिंग के नियमों का पालन अभी बहुत आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से, बदलते हुए हालत में, मास्क भी, हमारे जीवन का हिस्सा बन रहा है। आप देखियेगा, मास्क अब सभ्य-समाज का प्रतीक बन जायेगा। अगर, बीमारी से खुद को बचना है और दूसरों को भी बचाना है, तो आपको मस्क लगाना पड़ेगा और मेरा तो साधारण सुझाव रहता है, की आप को अपने गमछा से या दुप्पटे मुंह ढ़कना है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में अब सभी लोग समझ रहे हैं, कि सार्वजनिक स्थान पर थूकने से क्या नुकसान हो सकता है। यहां वहां थूकना गलत आदत है।
कहते हैं Better late than never तो, देर भले ही हो गई हो, लेकिन, अब, ये थूकने की आदत छोड़ देनी चाहिए। ये बातें जहां अपनी स्वक्षता का स्तर बढ़ाएंगी, वहीं, कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में भी मदद करेगी। हर महीने के अंतिम रविवार को इस कार्यक्रम को प्रसारित किया जाता है। पीएम मोदी ने बीते 12 अप्रैल को ट्वीट कर कहा था कि इस महीने की ‘मन की बात’ 26 तारीख को होगी। प्रधानमंत्री ने इसके लिए लोगों से सुझाव मांगे थे। इससे पहले 29 मार्च को ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कोरोना की वजह से लॉकडाउन को लेकर जनता को हो रही परेशानियों का जिक्र करते हुए देशवासियों से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि देश के हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन जरूरी था। जिसके बाद 14 अप्रैल को देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने 19 दिनों के लिए लॉकडाउन को बढ़ाने की घोषणा की थी।
ततपश्चात अब यह 3 मई को खत्म हो रहा है।अपने पूरे सम्बोधन में प्रधानमंत्री जी एक सकारात्मक पहलू पर बात करते सुनाई पड़े, साथ ही सरकार ने कई सामाजिक संस्थाओं को जोड़ा सरकार ने http://covidwarriors.gov.in के माध्यम से सामाजिक संस्थाओं के स्वयंसेवी, नागरिक समाज के प्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन को एक-दूसरे से जोड़ दिया है। इनमें डॉक्टर, नर्सिज, आशा, एएनएम, एनसीसी, एनएसएस, व अन्य प्रोफेशनल्स हैं जो क्राइसिस मैनेजमेंट प्लान बनाने मदद कर रहें हैं। साथियो, हर मुश्किल हालात, हर लड़ाई, कुछ-न-कुछ सबक देती है, कुछ-न-कुछ सिखा करके जाती है, सीख देती है। कुछ संभावनाओं के मार्ग बनाती है और कुछ नई मंजिलों की दिशा भी देती है। लेकिन इस पूरे लॉक डाउन में कुछ ऐसे भी लोग है जिनका इन सब चीजों से कोई लेना देना नही दिखता। लोग अभी भी सड़को पर टहलने निकलते नज़र आते हैं। अथार्त हमे ये समझने की जरूरत है कि ये एक बीमारी है जिसका इलाज अभी हमे मिला नही है। तो ज्यादा से ज्यादा हमे खुद को और अपने घरों को आसपास को सुरक्षित रखना है तो हमे घर मे ही रहना होगा।
संचयिता चतुर्वेदी