My Life,
मेरे लिए आप एक अनमोल तोहफा है जो भगवान ने मुझे दिया है इस खुशी से नवाज ने के लिए मुझे चुना है।
“यह केवल एक पत्र नहीं मेरी भावनाओं का एक विस्तार है।”
मैंने जिस दिन तुम्हें देखा तो सिर्फ एक झलक उसी दिन से मैंने सोच लिया था,कि आप मेरी जिंदगी में शायद किसी ना किसी करिश्मे की ही देन है जो मुझे आपका दीदार हुआ देखा मैंने उससे पहले सैकड़ों हजारों को लेकिन उनको देख करके कभी भी दिल में वह एहसास नहीं उठा जो आपकी एक झलक देख कर के दिल में उठा।मुझे बिल्कुल नहीं पता मुझे क्या हुआ था? लेकिन वह चेहरा मेरी आंखों में ऐसा बसा था,ना जाने कैसे क्या हुआ? लेकिन वह चेहरा मेरी नजरों और दिल में बसा गया ना तो वह मुझे किसी की ख्यालों में जाने दे रहा था और ना ही किसी के ख्यालों में आने दे रहा था सिर्फ और सिर्फ आपका ख्याल ही दिमाग में मेरे हर समय तैर रहा था ,ना जाने वो कैसी अदृश्य कशिश थी? ना तो मैं आप के असर से निकल पा रहा था और ना कोई मेरे उस असर को भेदकर दिमाग और ख्याल में आप आ रहा था।ना जाने आपकी उसे एक झलक ने मुझे क्या महसूस कराया जिसको मैं कई लोगों को दर्जनों बार देखने के बाद ही महसूस नहीं कर पाया,अगर मैं यह कहूं कि आपका ड्रेसिंग सेंस और आपकी स्ट्रक्चर देख करके मुझे कुछ हुआ था तो यह कहना सिरे से गलत होगा क्योंकि मैं तो सिर्फ आपका चेहरा और आपकी आंखों को ही देख पाया था फिर भी पता नहीं वह क्या कशिश
क्या जादू था? जो मेरे अंदर एक झलक में ही समा गया था। कुछ दिन इस खूबसूरत एहसास को जीने के बाद मैंने अपने करीबी मित्रों से पूछा क्या कोई मुझे बताएगा मुझे आखिर क्या हुआ है?
क्योंकि उस समय भी मुझे मोहब्बत इश्क और अट्रैक्शन जैसी चीजों पर बिल्कुल भरोसा नहीं हुआ करता था। उपरोक्त लाइनों की तरह फिर से अगले दिन मिली है घूमने टहलने और शाम को अलग कोई एहसासों का कोई फीलिंग्स की कोई जगह नहीं।फिर भी यह चीज जानते हुए में ना जाने क्यों ऐसा एहसास था जो आपको देखकर मुझे लगा था।
“”बार-बार अपनी सोच के कहे जाने पर दिल के समझाने पर भी मैंने उस चीज को नहीं माना फिर एकदम से मुझे एहसास हुआ कि हां मेरी जान मुझे तुमसे प्यार है।””
इस एहसास और इस इकरार ए इश्क के बाद मेरे दिल ने कहा अब तो इनसे जरूर मिलना
फिर शुरू हुआ भूसे के ढेर में एक सुई को ढूंढने जैसा सफर कोई क्लू नहीं कोई जान नहीं कोई पहचान नहीं
फिर भी ढूंढना तो था ही।फिर क्या दोस्तों ने दिया बहुत साथ निकल पड़े हम ढूंढने अपनी उस कशिश की राह की ओर
इसीलिए मैंने कभी किसी से सच तो कभी किसी से झूठ भी बोला!!
कई बार इस चीज को सोच कर के मैं रुका बैठा दिल भी अंदर से बहुत डरा कहां है? मेरी कशिश कैसे ढूंढूं कोई?रास्ता बता मेरे मौला। कशिश की तलाश में दिन बदलते गए हफ्तों में हफ्ते बदलते गए महीनों में और महीने कब बदले सालों में पता ही नहीं चला।
मेरे अंदर के दृढ़ विश्वास ढूंढने की चाह और दोस्तों के साथ ने मुझे एक बार भी रुकने थमने और टूटने नहीं दिया।
खैर यह कहावत बिल्कुल सही है। समय से पहले तकदीर से ज्यादा कभी किसी को नहीं मिलता ,हुआ भी कुछ ऐसा,सड़कों पर टहल कर लोगों से मिलकर और पूछ कर जब मैं एक शाम लगभग 2018के मध्य में घर पर बैठा फेसबुक देख रहा था तब अचानक से मुझे इनके दीदार दोबारा हुआ। तब मैंने इनसे ऑनलाइन दोस्ती की शुरुआत की सालों तक सिर्फ और सिर्फ वेबद का मैसेज ही भेजता रहा नो रिप्लाई।
तब अचानक एक दिन रात्रि 11:30 के बाद सही समय नहीं यार इनका रिप्लाई आया और गानों को लेकर के थोड़ी सी चर्चा हुई और 10 से मुश्किल से 15 मिनट के बाद में आप ऑफलाइन हो गए।
शायद बिना कहे ही मेरे दिल और मेरे दिमाग ने सोच लिया था कि आपको अपनी जिंदगी में एक अहम रिश्ते में मुझे बांधना है उसी दृढ़ता से लगा रहा फेसबुक पर बात करता रहा 1 दिन किस्मत में भी पलटा मारा और आप से लंबी बात हुई।
इसी तरह धीरे-धीरे सब चलता रहा और फिर 1 दिन हम दोनों ने मुलाकात का ठाना
उसके बाद जो भी रहा वह हम दोनों ने साथ में ही माना और करा है। उसके लिए कुछ बताने की जरूरत नहीं सिर्फ दिल ही हमारा है,कभी कभी हमे हुआ करती थी छोटी-छोटी नोकझोंक और छुटपुट की लड़ाइयां।मैंने भी खुद से एक वादा किया था और खुद से माना था कि उठाऊंगा सारे नखरे।
ना जाने वह कौन सा समय और कौन सी कशिश थी? जब उस भगवान ने हम दोनों के अंदर एक अजीब सा अहसास को जगा दीय । कि आपने भी मुझे अपनी जिंदगी में एक पति के तौर पर और मैंने आपको अपनी जिंदगी के तौर पर माना।
आपके द्वारा किए गए विश्वास और मेरे अंदर एहसास को मैं नासिर मानकर इकरार करता हूं। हां मेरी जान मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।
मैंने भी दिल से कहा दूंगा आपको सारी खुशियां और अपना लूंगा दिल से आपको। सिर्फ इतनी सी गुजारिश है मेरी जान तुमसे समझना थोड़ा तुम भी झुकना थोड़ा तुम भी झुक लूंगा थोड़ा मैं कि कभी मुझे सिर्फ यह न लगे कि मैं हीं सबकी सुने मेरी किसी ने कभी नहीं सुनी।आपके द्वारा किए गए वादे के अनुसार मैंने 2021 को ही परिणाम माना था। लेकिन कुछ परिस्थितियों बस आपने फिर से आग्रह किया मेरी जान मानता हूं मैं इसे।थोड़ा सा और तुम्हें याद कर लूंगा थोड़ा सा और तुम्हें दिल में महसूस कर लूंगा। इतनी सी है और थोड़ी सी दूरी 6 माह की मैं झेल लूंगा।मैं आपसे दिल से बहुत प्यार करता हूं। दिल के आसपास भी कोई नहीं है मेरे सिर्फ और सिर्फ तुम हो मेरी जान Dolly हो आप। I love you lot Jaan
मैं उठा लूंगा आपकी सारी नादानियां आपकी छोटे-छोटे शैतानियां को अपने सर पर।मुझे सिर्फ मेरा कीमती समय हर समय तुम देती रहना मुझे आपकी सोशल साइट से नहीं होगा कोई एतराज। दुनिया बहुत छोटी है और यहां लोगों की खुशियों से जलने वाले होते हैं। सिर्फ इसका विशेष ध्यान रखना मैं हूं तुम्हारे साथ रहूंगा तुम्हारे साथ।कभी किसी मोड़ पर तुम्हारे अंदर कुछ अजीब सा अहसास है। सिर्फ इतना याद रखना मैं हूं तुम्हारा और सिर्फ तुम्हारा।उन बातों उन वादों और उन एहसासों को कभी मत भूलना कि कोई है जो जी रहा है तुम्हारे लिए। हाथ नहीं छोड़ना साथ नहीं छोड़ना।
कभी भी आपको लगे कि मेरे से कुछ बात करनी है। किसी भी विषय पर सीधे मुझसे बात करना किसी की मत सुनना सिर्फ मेरी सुनना।
Miss you so much my wife
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Love you lot Dolly
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प्रतीक